बहुत से लोग नमाज़ पढ़ते समय कन्फ्यूज़ हो जाते हैं कि 2 Rakat Sunnat Namaz Ka Tarika क्या है। खासकर नए लोग या बच्चे जब नमाज़ सीखते हैं तो उन्हें हर स्टेप समझना ज़रूरी होता है।
इस आर्टिकल में हम आपको बेहद आसान और साफ़ लफ़्ज़ों में 2 रकात सुन्नत नमाज़ का सही तरीका बताएंगे। इसके साथ साथ यहां पर आपको मिलेगा-
2 रकात सुन्नत नमाज़ का स्टेप बाय स्टेप तरीका, 2 रकात नमाज़ की नीयत हर वक्त की अलग-अलग, कब पढ़ी जाती है और 2 रकात सुन्नत नमाज़ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल तो आइए, बिना वक्त गवाएं शुरू करते हैं।
⭐ 2 रकात सुन्नत नमाज़ क्यों अहम है?
सुन्नत नमाज़ वो इबादत है जिसे रसूलुल्लाह ﷺ ने खुद अदा किया और हमें भी करने की तालीम दी। फर्ज़ नमाज़ के साथ सुन्नत नमाज़ पढ़ने से:
- नमाज़ में ख़ुशू-ख़ुज़ू बढ़ता है
- अल्लाह तआला की रहमत हासिल होती है
- फर्ज़ नमाज़ की कमी पूरी हो जाती है
- इंसान को अज्र व सवाब मिलता है
यानी कि सुन्नत नमाज़ सिर्फ एक्स्ट्रा नहीं, बल्कि आपके ईमान और अमल को मजबूत करने का ज़रिया है।
✨ 2 रकात सुन्नत नमाज़ का तरीका (Step by Step)
🔹 पहली रकात
- नीयत करके हाथ बाँध लें।
- सना सुब्हान क अल्लाहुम्मा पढ़ें।
- अऊज़ुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
- सूरह फातिहा पूरी पढ़ें और धीरे से आमीन कहें।
- कोई भी छोटी/बड़ी सूरह पढ़ें जैसे सूरह इखलास, सूरह क़द्र वगैरह।
- अल्लाहु अकबर कहकर रुकूअ में जाएं और 3–7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- समीअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
- अल्लाहु अकबर कहकर सज्दे में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- उठें और फिर दूसरा सज्दा करें।
यहां पहली रकात पूरी हो जाएगी।
🔹 दूसरी रकात
- अऊज़ुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
- सूरह फातिहा और फिर कोई एक सूरह पढ़ें।
- रुकूअ करें और 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- समीअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए खड़े हों।
- फिर सज्दे में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- उठें और दूसरा सज्दा करें।
- अब बैठकर तशह्हुद पढ़ें।
- अश्हदु ला पर पहुंचकर शहादत की उंगली उठाएं फिर सीधी कर लें।
- अब दुरूदे इब्राहीम और फिर दुआए मासूरा पढ़ें।
- आखिर में सलाम फेरें
- दाहिनी तरफ: अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह
- बायीं तरफ: अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह
इस तरह आपकी 2 रकात सुन्नत नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।
🕋 2 रकात सुन्नत नमाज़ की नीयत
नीयत करना नमाज़ का पहला और सबसे अहम हिस्सा है। वक्त के हिसाब से नीयत थोड़ी बदल जाती है।
✅ फज्र की सुन्नत की नीयत
नीयत की मैंने 2 रकात नमाजे फज्र की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
✅ ज़ोहर की सुन्नत की नीयत
नीयत की मैंने 2 रकात नमाजे ज़ोहर की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
✅ मग़रिब की सुन्नत की नीयत
नीयत की मैंने 2 रकात नमाजे मग़रिब की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
✅ ईशा की सुन्नत की नीयत
नीयत की मैंने 2 रकात नमाजे ईशा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
✅ जुम्मा की सुन्नत की नीयत
नीयत की मैंने 2 रकात नमाजे जुम्मा की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
2 रकात सुन्नत नमाज़ कब पढ़ी जाती है?
- फज्र – फर्ज़ से पहले 2 रकात सुन्नत
- ज़ोहर – फर्ज़ से पहले और बाद में
- मग़रिब – फर्ज़ के बाद
- ईशा – फर्ज़ से पहले और बाद में
- जुम्मा – खुत्बे से पहले
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
2 रकात सुन्नत नमाज़ और 2 रकात नफ़्ल में क्या फर्क है?
सुन्नत नमाज़ वो है जो रसूलुल्लाह ने हमेशा पढ़ी, जबकि नफ़्ल आपकी अपनी मर्ज़ी से पढ़ी जाने वाली नमाज़ है।
क्या सुन्नत नमाज़ छोड़ सकते हैं?
सुन्नत मुअक्कदा जैसे फज्र की 2 रकात छोड़ना अच्छा नहीं, इन्हें पढ़ना बेहद ज़रूरी है।
2 रकात नमाज़ पढ़ने में कितना वक्त लगता है?
औसतन 4–5 मिनट लगते हैं।
आख़िरी हिदायतें
अब आपने स्टेप-बाय-स्टेप 2 रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ने का तरीका सीख लिया। याद रखिए नमाज़ सिर्फ एक इबादत नहीं बल्कि अल्लाह से जुड़ने का सबसे खूबसूरत ज़रिया है।
कोशिश कीजिए कि फर्ज़ नमाज़ के साथ-साथ सुन्नत भी कभी न छूटे। अगर आपको ये गाइड मददगार लगी तो इसे अपने दोस्तों और घरवालों के साथ ज़रूर शेयर करें।