जनाज़े की नमाज़ एक ऐसी इबादत है जो न सिर्फ़ मय्यित के लिए दुआ होती है, बल्कि इसमें शामिल होना हर मुसलमान के लिए फ़र्ज़े किफ़ाया है।
बहुत से लोग जनाज़े की नमाज़ का तरीका तो जानते हैं, लेकिन Janaze Ki Namaz Ki Niyat करने में कन्फ्यूज़ हो जाते हैं खासकर जब बात आती है अरबी और हिंदी नियत की।
अगर आप भी ऐसा महसूस करते हैं, तो कोई बात नहीं इस आर्टिकल में हम आपको सिखाएंगे जनाज़े की नमाज़ की नियत हिंदी और अरबी में, इसे पढ़ लेंगे, तो इंशाअल्लाह दोबारा कहीं और खोजने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
Janaze Ki Namaz Ki Niyat
जैसा कि आप जानते हैं, जनाज़े की नमाज़ बाकी नमाज़ों से अलग तरीके से अदा की जाती है। उसी तरह इसकी नियत भी थोड़ी अलग होती है औरत की मय्यित और मर्द की मय्यित के लिए नियत में फर्क होता है। नीचे ध्यान से पढ़ें:
जनाज़े की नमाज़ की नियत हिंदी में
(For Male & Female — Same)
नियत की मैंने नमाजे जनाज़ा कि फ़र्ज़े किफ़ाया चार तकबीरों के साथ, वास्ते अल्लाह तआला के, दुरूद मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर और इस मय्यित के लिए दुआ, पीछे इस इमाम के, मेरा मुँह काबा शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।
हिंदी में नियत मर्द और औरत दोनों के लिए एक जैसी होती है।
जनाज़े की अरबी नियत – मर्द की मय्यित के लिए
नवैतूअन उसल्लिया लिल्लाहि तआला अरबा तकबीराति सलातिल जनाज़ति अस्सना-उ लिल्लाहि तआला वद्दुआ-उ लिहाज़ल मय्यिती इक़्तदैतु बिहाज़ल इमाम मुतवज्जिहन इलाजिहातिल काबतिश शरीफति अल्लाहु अकबर।
जनाज़े की अरबी नियत – औरत की मय्यित के लिए
नवैतूअन उसल्लिया लिल्लाहि तआला अरबा तकबीराति सलातिल जनाज़ति अस्सना-उ लिल्लाहि तआला वद्दुआ-उ लिहाज़िहिल मय्यिती इक़्तदैतु बिहाज़ल इमाम मुतवज्जिहन इलाजिहातिल काबतिश शरीफति अल्लाहु अकबर।
जनाज़े की नमाज़ की नियत करने का तरीका
जब जनाज़े की नमाज़ शुरू होने लगे तो:
- क़िब्ला की तरफ़ रुख करके सीधे खड़े हो जाएं।
- नियत इतनी आवाज़ में करें कि ख़ुद अपने कानों को सुनाई दे।
- अगर ज़ुबान से नियत नहीं कर सकते, तो दिल में नियत करना भी सही है।
- बस दिल में इरादा पक्का हो कि आप जनाज़े की नमाज़ अदा कर रहे हैं।
नियत के बाद जनाज़े की नमाज़ का अगला स्टेप शुरू होता है आइए देखते हैं नियत बांधने का तरीका:
जनाज़े की नमाज़ में नियत कैसे बांधे?
- इमाम साहब जब “अल्लाहु अकबर” कहें, तो आप भी कहते हुए हाथ कानों तक उठाएं।
- कान की लौ को छूकर हाथ नीचे लाएं।
- बायां हाथ नाफ के नीचे रखें, फिर दायां हाथ बाएं पर रखें।
- बाएं हाथ की कलाई को दाहिने हाथ की ऊपर और नीचे की उंगलियों से पकड़ें।
- ऊपर की तीन उंगलियां सीधी रखें।
जनाज़े की नमाज़ की नियत कैसे करें?
- क़िब्ला की तरफ़ रुख करके सीधे खड़े हो जाएं।
- मय्यित के हिसाब से नियत करें मर्द या औरत।
- नियत के बाद इमाम के अल्लाहु अकबर कहने पर हाथ उठाकर नियत बांध लें।
- यहां से आपकी नमाज़ शुरू हो जाती है।
अंतिम लफ्ज़
मेरे प्यारे मोमिनों अब आप आसानी से Janaze Ki Namaz Ki Niyat और उसका तरीका समझ गए होंगे। हमने यहां हिंदी और अरबी दोनों में नियत को आसान लफ़्ज़ों में बताया ताकि हर कोई आसानी से सीख सके।
अगर फिर भी कोई बात समझ में न आए तो नीचे कॉमेंट में पूछें और इस नेक इल्म को दूसरों तक ज़रूर पहुंचाएं ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस अमल में हिस्सा लें।