जिस मुबारक रात में आसमान पर रहमतों का साया होता है, गुनाह माफ़ किए जाते हैं और बरकतों के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं वो रात है शब ए बारात।
इस रात में नमाज़ों के ज़रिए अल्लाह तआला की रहमत मांगते हैं। अगर आप भी नमाज़ अदा करना चाहते हैं लेकिन Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat को लेकर कन्फ्यूज़ हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है।
यहां हम आपको शब ए बारात की नमाज़ की नियत हिंदी और अरबी दोनों में बहुत आसान शब्दों में बताएंगे। ताकि एक बार पढ़ने के बाद ही आपको कहीं और ढूंढने की ज़रूरत न पड़े।
Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat
शब ए बारात की रात में हमें कई तरह की नफ्ल नमाज़ें अदा करने का हुक्म है। इन नमाज़ों की फज़ीलत बहुत ज़्यादा है ये रात रहमत, मग़फिरत और बरकतों से भरी होती है।
सबसे पहले इस रात में 2–2 रकात की नियत से 6 रकात नमाज़ पढ़ी जाती है। हर 2 रकात की अलग नीयत होती है आप नीचे में समझ लें।
पहली 2 रकात की नियत – लंबी उम्र व बरकत के लिए
नियत की मैंने 2 रकअत नमाज़ शब ए बारात की नफ्ल उम्र दराज़ और खैर व बरकत के लिए, वास्ते अल्लाह तआला के, मेरा रुख काबा शरीफ़ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
दूसरी 2 रकात की नियत – हर बला से हिफाज़त के लिए
नियत की मैंने 2 रकअत नमाज़ शब ए बारात की नफ्ल, हर तरह की बला से हिफाज़त के लिए, वास्ते अल्लाह तआला के, मेरा रुख काबा शरीफ़ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
तीसरी 2 रकात की नियत – मोह्ताजी से निजात के लिए
नियत की मैंने 2 रकअत नमाज़ शब ए बारात की नफ्ल, गैरों की मोहताजी से दूर रहने के लिए, वास्ते अल्लाह तआला के, मेरा रुख काबा शरीफ़ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी में नियत – सभी के लिए
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى رَكْعَتَيْ صَلٰوةِ النَّفْلِ مُتَوَجِّهًا إِلَى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرُ
इस नमाज़ को शब ए बारात की रात मग़रिब के बाद अदा की जाती है। हर नमाज़ को 2–2 रकात की नियत से ही अदा करना चाहिए।
अरबी नीयत सभी नमाज़ों में एक ही रहती है, बस नियत में मक़सद जैसे उम्र, हिफाज़त, मोह्ताजी से बचाव बदलते हैं। सिर्फ इसका ध्यान रखना चाहिए।
इसके बाद शब ए बारात की रात नमाज़ ए ईशा मुकम्मल करने के बाद बाकी नमाज़ पढ़ी जाती है हर नमाज़ को 2-2 रकात की नियत से ही पढ़ी जाती है ऐसे नियत करें:
नियत कि मैंने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat Kaise Kare
- सबसे पहले क़िब्ले मक्का शरीफ़ की तरफ रुख करें।
- नियत ज़ुबान से पढ़ सकते हैं, वरना दिल में इरादा रखें कि।
- ये नमाज़ शब ए बारात की है और अल्लाह की रज़ा के लिए पढ़ रहे हैं।
- इसके बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए हाथ कानों तक उठाएं।
नियत बांधने का सही तरीका
- औरतों के लिए: हाथों को सीने पर बांधें।
- मर्दों के लिए:
- पहले बायां हाथ नाफ़ के नीचे रखें
- फिर दाहिना हाथ उस पर रखें
- दाहिने हाथ की दो उंगलियों से कलाई को पकड़ें
- ध्यान दें:- ऊपर की तीन उंगलियां खुली रहें और बाकी से कलाई पकड़ी जाए।
अंतिम बातें
अब तक आप भी Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat को अरबी और हिंदी दोनों में और नियत करने का भी आसान तरीके से जान लिया है।
अगर आप इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़कर नमाज़ अदा करेंगे तो इंशाअल्लाह आपको कहीं और भटकने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
अगर कोई बात समझ में न आए या कोई सवाल हो तो नीचे कॉमेंट में ज़रूर पूछें। इस आर्टिकल को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक शेयर करें।