नमाज़ हर मुसलमान की ज़िंदगी का अहम हिस्सा है और हर नमाज़ की शुरुआत नियत से होती है। लेकिन बहुत से लोग Johar Ki Namaz Ki Niyat को सही तरह से याद न होने की वजह से झिझक महसूस करते हैं।
अगर आप भी जोहर की नमाज़ पढ़ते समय नियत को लेकर कन्फ्यूज़ रहते हैं, तो यह गाइड आपके लिए है। यहां हम आपको जोहर की नमाज़ की नियत हिंदी और अरबी दोनों में बताएँगे।
और उसका सही भी तरीका बताएंगे, ताकि आप आसानी से नमाज़ अदा कर सकें। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें ताकि आपको बाद में दोबारा सर्च करने की ज़रूरत न पड़े।
Johar Ki Namaz Ki Niyat
यह तो आप भी जानते ही होंगे की जोहर की नमाज़ मुकम्मल करने के लिए कई बार नियत करनी होती है क्यूंकि इसमें फर्ज़, सुन्नत, और नफ्ल मिलाकर 4 बार नियत की जाती है।
इसके बाद आपकी नमाज़-ए-जोहर मुकम्मल होती है आईए एक -एक करके सभी की नियत जानते हैं इसके बाद नियत का तरीका भी जानेंगे।
जोहर की 4 रकात सुन्नत नमाज़ की नियत
हिंदी नियत
नियत की मैने 4 रकात नमाज़ जोहर की सुन्नत रसूले पाक ﷺ की वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी नियत
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى أَرْبَعَ رَكَعَاتِ صَلَاةِ الظُّهْرِ سُنَّةِ رَسُولِ اللهِ مُتَوَجِّهًا إِلَى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ، اللهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an Usalliya Lillahi Ta’ala Arba’a Raka’at Salati Zuhree Sunnat-rasulillahi Mutawajjihan ila Jihatil Ka’batish Sharifati, Allahu Akbar
जोहर की 4 रकात फर्ज़ नमाज़ की नियत
हिंदी नियत
नियत की मैने 4 रकात नमाज़ जोहर की फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी नियत
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى أَرْبَعَ رَكَعَاتِ صَلَاةِ الظُّهْرِ فَرْضًا لِلّٰهِ تَعَالٰى مُتَوَجِّهًا إِلَى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ، اللهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an Usalliya Lillahi Ta’ala Arba’a Raka’ati Salati Zuhri Farjullahe Ta’ala Mutawajjihan ila Jihatil Ka’batish Sharifati, Allahu Akbar
जोहर की 2 रकात सुन्नत (फर्ज़ के बाद) की नियत
हिंदी नियत
नियत की मैने 2 रकात नमाज़ जोहर की सुन्नत रसूले पाक ﷺ की, फर्ज़ के बाद वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी नियत
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى رَكْعَتَيْنِ صَلَاةِ الظُّهْرِ سُنَّةِ رَسُولِ اللهِ مُتَوَجِّهًا إِلَى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ، اللهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an Usalliya Lillahi Ta’ala Rak’atai Salati Zuhri Sunnat-rasulillahi Mutawajjihan ila Jihatil Ka’batish Sharifati, Allahu Akbar
जोहर की 2 रकात नफ़्ल नमाज़ की नियत
हिंदी नियत
नियत की मैने 2 रकात नमाज़ जोहर की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी नियत
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى رَكْعَتَيْنِ صَلَاةِ النَّفْلِ مُتَوَجِّهًا إِلَى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ، اللهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an Usalliya Lillahi Ta’ala Rak’atay Salati Nafli Mutawajjihan ila Jihatil Ka’batish Sharifati, Allahu Akbar
जोहर की नमाज़ की नियत कैसे करें?
- नियत करने के बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए हाथ उठाएं।
- औरतें – हाथों को कंधे तक उठाकर सीने पर बांध लें।
- मर्द – हाथों को कान तक उठाकर कान की लौ छूएं और नाफ़ के नीचे बांध लें।
- सबसे नीचे बायाँ हाथ, उसके ऊपर दायाँ हाथ रखें।
- तीन उंगलियाँ ऊपर रहें और दो से पकड़ लें।
नियत में ध्यान देने योग्य बातें
अगर आप जमात के साथ नमाज़ पढ़ रहे हैं, तो हिंदी नियत में “वास्ते अल्लाह तआला” के बाद “पीछे इस इमाम के” कहना ज़रूरी है।
अरबी नियत में “اقتديتُ بهذا الإمام” (इक्तदैतु बिहाज़ल इमाम) कहना चाहिए। याद रखें नियत दिल में इरादा करने से भी हो जाती है। ज़बान से कहना ज़रूरी नहीं है।
आख़िरी बात
अब तक आपने जोहर की नमाज़ की नियत हिंदी और अरबी दोनों में सीख ली है, साथ ही सही तरीका भी जान लिया है। आप जो नियत आपको आसानी से याद हो, उसी को पढ़ सकते हैं दोनों सही हैं।
अगर कोई बात समझ न आए या कोई गलती नज़र आए, तो नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं।इसे अपने दोस्तों और अहबाबों के साथ शेयर करें — ताकि आप दूसरों को सिखाने का सवाब भी पा सकें।