क्या आपसे भी कभी कोई गुनाह हुई और सच्चे दिल से तौबा करना चाहते हैं? तो फिर Salatul Tauba Ki Namaz Ka Tarika आपके लिए सबसे बेहतरीन रास्ता है।
आज हम आपको बताएंगे कि सलातुल तौबा की नमाज़ कैसे अदा की जाती है – वो भी स्टेप बाय स्टेप आसान भाषा में। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको कहीं और तलाश करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
सलातुल तौबा की नमाज़ कैसे पढ़ें?
सलातुल तौबा सिर्फ़ दो रकात की नमाज़ है। हमने दोनों रकातों को आसान स्टेप्स में बताया है, ताकि आप इसे अच्छी तरह समझ सकें। चलिए जानते हैं पूरा तरीका:
पहली रकात
- सबसे पहले नियत करके हाथ बांध लें।
- सना सुब्हानक अल्लाहुम्मा पढ़ें।
- अऊज़ुबिल्लाह मिनश्शैतानिर्रजीम पढ़ें।
- फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम।
- उसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें और आहिस्ता से आमीन कहें।
- अब सूरह इखलास या कोई भी सूरह पढ़ें।
- अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं और कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियाल अज़ीम कहें।
- फिर खड़े होकर समीअल्लाहु लिमन हमिदह, रब्बना लकल हम्द पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहकर सज्दे में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियाल अ’ला पढ़ें।
- उठकर दूसरा सज्दा भी इसी तरह करें।
- इसके बाद खड़े होकर दूसरी रकात शुरू करें।
दूसरी रकात
- अऊज़ुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
- फिर सूरह फातिहा पढ़ें और आमीन कहें।
- इस बार कोई भी सूरह जैसे सूरह नास पढ़ सकते हैं।
- अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकूअ में जाएं और वही तस्बीह पढ़ें।
- उठकर समीअल्लाहु लिमन हमिदह, रब्बना लकल हम्द कहें।
- फिर दो सज्दे करें और हर बार 3 बार सुब्हान रब्बियाल अ’ला कहें।
- अब बैठकर अत्तहिय्यात, दुरूदे इब्राहीम और दुआए मसूरा पढ़ें।
- आख़िर में दाएं और बाएं तरफ़ अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहकर सलाम फेरें।
यूं आपकी दो रकात सलातुल तौबा की नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी। अब आप अल्लाह से सच्चे दिल से दुआएं करें और माफी मांगें बेशक वो रहीम है।
सलातुल तौबा की नियत
नियत की मैं ने दो रकात नमाज़-ए-तौबा की वास्ते अल्लाह तआला के काबा शरीफ़ की तरफ रुख करके, अल्लाहु अकबर
याद रखें दिल में पुख्ता इरादा होना चाहिए कि अब वही गलती दोबारा नहीं करेंगे। जिस गलती के कारण आपको नमाज़ ए तौबा पढ़ना पड़ा।
सलातुल तौबा का सही वक्त
सलातुल तौबा किसी भी वक्त पढ़ी जा सकती है। बस मकरूह वक्त जैसे सूरज निकलने, ढलने और ज़ुहर के ठीक वक्त में इसे न पढ़ें। जब भी कोई गुनाह हो जाए, फ़ौरन वुज़ू करके यह नमाज़ अदा करें।
FAQs
सलातुल तौबा में क्या पढ़ते हैं?
सूरह फातिहा, कोई सूरह, तस्बीह, अत्तहिय्यात, दुरूदे इब्राहीम और दुआए मसूरा।
सलातुल तौबा कब पढ़ी जाती है?
कभी भी – बस मकरूह वक्त को छोड़कर।
अंतिम बात
अब तो आप सलातुल तौबा की नमाज़ पढ़ना सीख ही गए होंगे। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करें ताकि वो भी जरुरत पर सही तरीक़े से सलातुल तौबा की नमाज़ अदा कर सकें।
याद रखें, इंसान से गलतियां होती रहती हैं, लेकिन अल्लाह बहुत रहम करने वाला है। सच्चे दिल से तौबा करेंगे तो इंशाअल्लाह गुनाह माफ़ हो जाएंगे।