हमारा मज़हब इस्लाम में हर इबादत का अपना एक मकाम है और वजू के बाद पढ़ी जाने वाली तहिय्यतुल वजू की नमाज़ उसका एक खूबसूरत हिस्सा है।
यह नमाज़ नफ़्ल है लेकिन इसकी फ़ज़ीलत इतनी बड़ी है कि इसे पढ़ने वाला इंसान अल्लाह तआला की ख़ास रहमतों का हक़दार बन जाता है।
इस आर्टिकल में हम आपको Tahiyatul Wazu Ki Namaz ka Tarika, Niyat , Rakat , Waqt और फ़ज़ीलत सब कुछ आसान और सही अंदाज़ में बताएंगे।
🕌 Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ka Tarika
👉 पहली रकात
- नियत करें और हाथ बांधें।
- सना सुब्हान क अल्लाहुम्मा… पढ़ें।
- अऊज़ुबिल्लाह… और बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ें।
- सूरह फातिहा पढ़ें और आमीन कहें।
- कोई भी छोटी सूरह पढ़ें।
- अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकूअ करें।
- और 3–7 बार सुब्हान रब्बियाल अज़ीम पढ़ें।
- उठकर समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहें।
- सज्दा करें और 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
- दूसरा सज्दा भी ऐसे ही करें और फिर खड़े हो जाएं।
👉 दूसरी रकात
- अऊज़ुबिल्लाह… और बिस्मिल्लाह… पढ़ें।
- सूरह फातिहा और कोई छोटी सूरह पढ़ें।
- रुकूअ और सज्दे उसी तरह करें।
- बैठकर अत्तहिय्यात पढ़ें और ला इलाहा पर उंगली उठाएं।
- फिर दुरूद-ए-इब्राहीम और दुआ-ए-मसूरा पढ़ें।
- आखिर में दाईं और बाईं तरफ़ अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहकर सलाम फेरें।
इस तरह आपकी 2 रकात तहिय्यतुल वजू की नमाज़ पूरी होगी।
🙏 Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ki Niyat
“मैं नियत करता हूँ 2 रकात तहिय्यतुल वजू की नफ़्ल नमाज़ की, अल्लाह तआला के लिए, काबा शरीफ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।”
📌 Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ki Rakat
- यह नफ़्ल नमाज़ है, इसलिए इसकी कोई तादाद ए रकात फिक्स नहीं है।
- कम से कम 2 रकात ज़रूर पढ़ें।
- चाहें तो 4, 6, 8 या जितनी मर्ज़ी रकात 2-2 करके अदा कर सकते हैं।
🕰️ Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ka Waqt
- इसका कोई फिक्स्ड टाइम नहीं है।
- जब भी वजू करें, उसी समय इसे पढ़ सकते हैं।
- लेकिन ध्यान रखें कि इसे मकरूह वक़्त जैसे सूरज निकलते या डूबते वक्त और निस्फुन्हार में न पढ़ें।
🌸 Tahiyatul Wazu Ki Namaz Ki Fazilat
हदीस-ए-मुबारक (सही मुस्लिम) में नबी ﷺ ने फ़रमाया:
जो शख्स अच्छे तरीके से वजू करे और पूरे ध्यान से 2 रकात नमाज़ पढ़े, उसके लिए जन्नत वाजिब हो जाती है।
यानी तहिय्यतुल वजू की नमाज़ इंसान की रूहानी सफ़ाई, नेकियों में इज़ाफ़ा और आख़िरत की कामयाबी का बड़ा जरिया है।
आख़िरी हिदायतें
तहिय्यतुल वजू की नमाज़ एक नफ़्ल इबादत है लेकिन इसकी फ़ज़ीलत बेहद अज़ीम है। जब भी आप वजू करें, कोशिश करें कि 2 रकात तहिय्यतुल वजू की नमाज़ ज़रूर अदा करें।
यह अमल न सिर्फ़ आपके दिल को सुकून देगा बल्कि आपके नामे-आमाल में भी नेकियों का इज़ाफ़ा करेगा। अल्लाह तआला हम सबको इस अमल पर कायम रहने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए। आमीन।