शब ए बारात की मुबारक रात मुस्लिम उम्मत के लिए रहमतों और बरकतों से भरी हुई होती है। यह वह रात है जिसमें बंदा अपने गुनाहों की माफी मांग सकता है और खास नमाज़ों के जरिए अपनी आखिरत को रोशन कर सकता है।
अगर आप सोच रहे हैं कि शब ए बारात की नमाज़ कैसे पढ़ी जाती है? उसकी नियत और रकात क्या हैं? तो यह आर्टिकल आपके लिए है। यहां आपको शब ए बारात की नमाज का सही तरीका आसान अल्फ़ाज़ों में मिलेगा।
Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika
सबसे पहले याद रखिए कि शब ए बारात की रात में अलग-अलग तरह की नफ्ल नमाज़ें अदा की जाती हैं। हर नमाज़ की अपनी फज़ीलत है।
पहली रकात का तरीका
- नियत करें।
- तक्बीर कहें – अल्लाहु अकबर और हाथ बाँध लें।
- सना पढ़ें – सुब्हान क अल्लाहुम्मा…
- तआव्वुज – अऊज़ुबिल्लाहि मिनश्शैतानिर्रजीम
- तस्मियह – बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम
- सूरह फातिहा पढ़ें, और आखिर में आमीन कहें।
- अब सूरह इखलास 10 बार पढ़ें।
- रुकू में जाकर 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- उठकर समीअल्लाहु लिमन हमिदह और फिर रब्बना लक़ल हम्द कहें।
- सज्दे में जाकर 3 बार सुब्हान रब्बियल अ’ला पढ़ें।
- दो सज्दों के बाद दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
दूसरी रकात का तरीका
- तआव्वुज और तस्मियह पढ़ें।
- सूरह फातिहा पढ़ें और आमीन कहें।
- सूरह इखलास 10 बार पढ़ें।
- फिर रुकू और सज्दा पहली रकात की तरह करें।
- तशह्हुद में बैठकर अत्तहिय्यात पढ़ें।
- अत्तहिय्यात पढ़ते हुए जब अश्हदु ला पर पहुंचे।
- तो दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करें।
- अब दुरूद ए इब्राहीम और दुआ ए मासूरह पढ़ें।
- सलाम फेरें अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए –
- पहले दाहिनी तरफ और फिर बाईं तरफ।
इस तरह आपकी 2 रकात मुकम्मल हो जाएगी। शब ए बारात की रात आप 2-2 रकात करके 12 रकात नमाज़ पढ़ें।
शब ए बारात की खास नमाज़ें
आपको यह ऊपर में ही मालूम हुआ की इस रहमत व बरकत भरी रात में कई तरह के बेशुमार फ़ज़ीलत वाली नमाज़ अदा की जाती है तो उन सभी नमाज़ों को जानना भी जरुरी है इसीलिए नीचे की जानिब ध्यान से पढ़ें।
100 रकात नमाज़
- 2-2 रकात करके कुल 100 रकात पढ़ें।
- हर रकात में सूरह फातिहा के बाद 10 बार सूरह इखलास पढ़ें।
- फज़ीलत: अल्लाह तआला 70 बार रहमत की नज़र फरमाता है और हर नज़र से 70 हाजतें पूरी करता है।
10 रकात नमाज़
- 2-2 रकात की नियत से 10 रकात अदा करें।
- हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास 11 बार पढ़ें।
- फज़ीलत: गुनाहों की माफी और उम्र में बरकत मिलती है।
6 रकात नफ्ल नमाज़ मगरिब के बाद
- पहली 2 रकात – लंबी उम्र के लिए।
- दूसरी 2 रकात – बला-मुसिबत से हिफाज़त के लिए।
- आखिरी 2 रकात – गैरों की मोहताजी से बचने और सिर्फ अल्लाह की मोहताजी के लिए।
सलातुल तस्बीह 4 रकात
- शब ए बारात की रात में 4 रकात सलातुल तस्बीह ज़रूर अदा करें।
- इसकी फज़ीलत बहुत बड़ी है और गुनाहों की माफी का जरिया है।
Shab E Barat Ki Namaz Ki Niyat
हिंदी में:
नियत कि मैंने 2 रकात नमाज शब ए बरात की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
अरबी में:
नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफती अल्लाहू अकबर।
FAQs
शब ए बारात की 6 रकात नमाज़ क्या है?
यह नफ़्ल नमाज़ है जो अलग-अलग मंशा के साथ पढ़ी जाती है।
शबे बरात में कितनी रकात नमाज़ पढ़ी जाती है?
इसकी कोई फिक्स तादाद नहीं है, लेकिन 12 रकात, 100 रकात और 6 रकात नफ्ल मशहूर हैं।
अंतिम बातें
प्यारे मोमिनों! अब आपने शब ए बारात की नमाज़ का सही तरीका जान लिया है। कोशिश करें कि इस मुबारक रात को इबादत, तिलावत और दुआओं में गुजारें।
अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों तक ज़रूर शेयर करें, ताकि हर कोई इस मुबारक रात का फायदा उठा सके।