क्या आप भी सोच रहे हैं कि 2 Rakat Farz Namaz Ka Tarika और कैसे पढ़ी जाती है? तो अब टेंशन छोड़ दीजिए, क्योंकि यहां हम आपको सबसे आसान और साफ़-साफ़ तरीक़ा बता रहे हैं।
इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ने के बाद आप कहीं और ढूंढने की ज़रूरत महसूस नहीं करेंगे। बस एक बार अच्छे से समझ लीजिए और फिर आराम से नमाज़ अदा कीजिए।
2 रकात फर्ज नमाज़ – दो तरीक़े
फर्ज नमाज़ दो तरीक़े से पढ़ी जा सकती है:
- अकेले (फर्द)
- इमाम के पीछे (जमात के साथ)
गौर करें: पुरुष जमात के साथ पढ़ सकते हैं, लेकिन औरतें फर्ज नमाज़ अकेले ही पढ़ेंगी।
🕌 अकेले में 2 रकात फर्ज नमाज़
पहली रकात
- नियत करके हाथ बाँध लें।
- सना यानी सुब्हान क अल्लाहुम्मा पूरा पढ़ें।
- फिर अऊज़ु बिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
- अब पूरी सूरह फातिहा पढ़ें।
- आखिर में धीमी आवाज़ में आमीन कहें।
- फिर कोई भी एक सूरह पढ़ लें।
- अल्लाहु अकबर कहकर रुकूअ में जाएं
- और 3 बार सुब्हान रब्बियाल अज़ीम पढ़ें।
- समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें और रब्बना लकल हम्द कहें।
- फिर सज्दे में जाकर 3 बार सुब्हान रब्बियाल अ‘ला पढ़ें।
- दो सज्दे पूरे करने के बाद खड़े हो जाएं।
दूसरी रकात
- फिर से अऊज़ु बिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
- सूरह फातिहा और कोई एक सूरह पढ़ें।
- पहली रकात की तरह रुकूअ और सज्दा करें।
- दोनों सज्दे करने के बाद बैठ जाएं।
- अत्तहियात पढ़ें और ला इलाहा पर शहादत की उंगली उठाएं।
- दुरूद-ए-इब्राहीम पढ़ें।
- फिर दुआए मासूरा पढ़ें।
- दाहिनी तरफ अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए गर्दन घुमाएं।
- फिर बाईं तरफ भी यही सलाम करें।
बस! आपकी 2 रकात पूरी हो गई।
🕌 इमाम के पीछे 2 रकात फर्ज नमाज़
पहली रकात
- 2 रकात फर्ज नमाज़ की नियत करें।
- इमाम के अल्लाहु अकबर कहने पर आप भी हाथ बाँध लें।
- सना यानी सुब्हानकल्लाहुम्मा पढ़ें।
- इमाम के सूरह फातिहा खत्म करने तक चुप रहें।
- आखिर में धीमी आवाज़ में आमीन कहें।
- इमाम के साथ रुकूअ और सज्दा करें।
दूसरी रकात
- यहां आपको खुद से कुछ पढ़ने की ज़रूरत नहीं।
- इमाम के साथ रुकूअ और सज्दा करें।
- बैठने पर अत्तहियात, दुरूद-ए-इब्राहीम और दुआए मासूरा पढ़ें।
- फिर दोनों तरफ सलाम फेरें।
अब आपकी नमाज़ पूरी हो गई।
🕌 2 रकात फर्ज नमाज़ की नियत
- फजर की नमाज़:
नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ फजर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर। - इमाम के पीछे:
नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ फजर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।” - जुम्मा की नमाज़:
नियत की मैंने 2 रकात फर्ज नमाज़ जुम्मे की वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के, मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर।”
✨ आख़िरी हिदायतें
अब आपने भी 2 रकात फर्ज नमाज़ पढ़ने का सही और आसान तरीका सीख लिया है। अगर कोई स्टेप समझ न आए या कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।
और हाँ, इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ज़रूर शेयर करें ताकि सब सही तरीके से नमाज़ अदा कर सकें। याद रखें: छोटी-बड़ी गलती इंसान से हो सकती है, इसलिए अगर यहां कुछ कमी लगे तो हमें बताएं।