यौम-ए-आशूरा यानी 10 मुहर्रम का दिन इस्लाम में बहुत ही अफ़ज़ल और ब-बरकत दिन है। इस दिन रोज़ा रखने और आशूरा की नमाज़ अदा करने की बड़ी फ़ज़ीलत हदीसों में बयान हुई है।
अगर आप जानना चाहते हैं कि Ashura Ki Namaz Ka Tarika क्या है, कितनी रकात पढ़नी चाहिए, नियत क्या होगी और नमाज़ का वक़्त कब है – तो यह आर्टिकल आपके लिए है।
🕌 आशूरा की नमाज़ कितनी रकात है?
आशूरा की नमाज़ 2 रकात की नियत से एक सलाम में पढ़ी जाती है। आप इसे 2-2 रकात की नियत से 4, 6, 8 या जितनी चाहें उतनी अदा कर सकते हैं। बेहतर यह है कि कम से कम 4 रकात ज़रूर अदा करें।
🕋 आशूरा की नमाज़ की नियत
2 रकात के लिए:
“नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ आशूरा की नफ़्ल वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।”
4 रकात के लिए:
“नियत की मैंने 4 रकात नमाज़ आशूरा की नफ़्ल वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।”
✨Ashura Ki Namaz Ka Tarika Step by Step
पहली रकात
- नियत करें और हाथ बांधें।
- सना सुब्हानकल्लाहुम्मा पढ़ें।
- अऊज़ुबिल्लाह पढ़ें।
- बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ें।
- सूरह फातिहा पूरी पढ़ें और आमीन कहें।
- 3 बार सूरह इख़लास कुल हुवल्लाहु अहद पढ़ें।
- रुकूअ में जाएं और सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- उठकर रब्बना लकल हम्द कहें।
- सज्दे में जाएं और सुब्हान रब्बियल अ’ला तीन बार कहें।
- दूसरा सज्दा करें और फिर उठकर दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
दूसरी रकात
- अऊज़ुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
- सूरह फातिहा और आमीन कहें।
- 3 बार सूरह इख़लास पढ़ें।
- रुकूअ और सज्दे उसी तरह अदा करें।
- अब बैठकर अत्तहियात पढ़ें।
- अत्तहियात में ला पर ऊँगली उठाएं और इल्ला पर गिरा दें।
- अब दुरूद-ए-इब्राहीमी और दुआ-ए-मसूरा पढ़ें।
- आखिर में दोनों तरफ अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहकर सलाम फेरें।
इस तरह आपकी 2 रकात आशूरा की नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।
🌸 नमाज़ के बाद तस्बीह | Ashura Ki Tasbeeh
हर 2 रकात के बाद 70 बार यह तस्बीह पढ़ें:
“सुब्हानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि व ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर”
🌙 आशूरा की रात की नमाज़
- 9 मुहर्रम की शाम मगरिब के बाद 4 रकात नमाज़ पढ़ें।
- हर रकात में:
- सूरह फातिहा के बाद
- 1 बार आयतुल कुर्सी
- 3 बार सूरह इख़लास पढ़ें।
- ये चार रकात एक सलाम से मुकम्मल करें।
- नमाज़ के बाद 100 बार सूरह इख़लास पढ़ें।
हदीसों में आता है कि यह नमाज़ पढ़ने वाला गुनाहों से पाक हो जाता है और जन्नत की नेमतें हासिल करता है।
⏰ आशूरा की नमाज़ का वक़्त
- दिन की नमाज़ सूरज निकलने के बाद से लेकर असर की नमाज़ से पहले तक अदा की जा सकती है।
- मकरूह वक़्त में आशूरा की नमाज़ न पढ़ें।
- रात की नमाज़ मगरिब के बाद से ईशा के बाद तक पढ़ी जा सकती है।
🤲 फ़ज़ीलत और बरकत
- आशूरा की नमाज़ इंसान को गुनाहों से पाक करती है।
- हर 2 रकात पर तस्बीह पढ़ने से सवाब दोगुना हो जाता है।
- इस दिन की इबादत अल्लाह तआला की रहमत और मग़फ़िरत का सबब बनती है।
अंतिम बातें
अब आपने जान लिया कि Ashura Ki Namaz Ka Tarika क्या है, कितनी रकात पढ़नी चाहिए, नियत कैसे करनी है और नमाज़ के बाद कौन सी तस्बीह पढ़नी है।
प्यारे भाइयों और बहनों, इस साल आप भी आशूरा की नमाज़ ज़रूर अदा करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह सही तरीका शेयर करें, ताकि सबको सवाब मिले।