Aurat Ki Namaz Ka Tarika | औरत की नमाज़ पढ़ने का तरीका

नमाज़ मुसलमान के लिए अल्लाह तआला की सबसे बड़ी नेमत और ईमान की रूह है। लेकिन अक्सर हमारी बहनें नमाज़ पढ़ने के सही तरीके को लेकर उलझन में रहती हैं।

जैसे कि नियत कैसे करें? रकात कितनी होती हैं? सज्दा और रूकुअ किस तरह करें? रूकुअ किस तरह करना है? सज्दे के बाद किस तरह से बैठना है ? आदि।

अगर आप भी यही जानना चाहती हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद काम का है। यहां हमने औरत की नमाज़ का तरीका, नियत, रकात सब कुछ बहुत ही आसान और सटीक लफ़्ज़ों में समझाया है।


Aurat Ki Namaz Ka Tarika

सबसे पहले औरत सीधी खड़ी हो जाए और दोनों पैरों के बीच चार उंगलियों का फासला रखे। दिशा हमेशा क़िब्ला यानि काबा शरीफ़ की ओर होनी चाहिए अब बारी-बारी से हर रकात का तरीका जानें।


पहली रकात का तरीका

  • सबसे पहले जिस नमाज़ को पढ़ रही हैं उसकी नियत करें।
  • अब अल्लाहु अकबर कह कर हांथ बांध लें।
  • हाथ कांधों तक उठाएं और फिर दोनों हाथ सीने पर रखें।
    • बायां हाथ सीने पर और उसके ऊपर दायां हाथ।
  • अब सना यानि सुब्हान क अल्लाहुम्मा पूरा पढ़ें।
  • फिर अऊज़ुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ें।
  • अब सूरह फातिहा पूरी पढ़ें और आखिर में आहिस्ता से आमीन कहें।
  • इसके बाद कोई भी छोटी या बड़ी सूरह पढ़ें।

रूकुअ का तरीका

  • सूरह मुकम्मल होने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकुअ में जाएं।
  • हल्का झुकें, ज़्यादा नहीं।
  • दोनों हाथ घुटनों तक पहुंचाएं लेकिन उन्हें पकड़ें नहीं।
  • उंगलियां सिमटी हुई हों और नज़र पैरों के अंगूठों पर हो।
  • यहां 3, 5 या 7 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  • फिर समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए खड़ी हो जाएं और रब्बना लकल हम्द कहें।

सज्दा का तरीका

  • अब अल्लाहु अकबर कह कर सज्दा करें।
  • सज्दे में पेट को जांघों से और जांघों को पिंडलियों से मिलाएं।
  • दोनों हाथ ज़मीन पर रखें।
  • यहां 3, 5 या 7 बार सुब्हान रब्बियल अ’ला पढ़ें।
  • फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठें और दोबारा सज्दा करें।
  • हमेशा ध्यान रहे औरत सज्दा सिमट कर करेगी।
  • इसी तरह आपकी पहली रकात मुकम्मल हो जाएगी।

दूसरी रकात का तरीका

  • सबसे पहले अऊज़ुबिल्लाह पढ़ें।
  • फिर बिस्मिल्लाह और उसके बाद सूरह फातिहा पूरी पढ़ें।
  • इसके बाद कोई सूरह पढ़ें।
  • रूकुअ और सज्दा बिल्कुल पहली रकात की तरह करें।
  • अब तशह्हुद के लिए बैठ जाएं।
  • अपने दोनों पांव को दाहिने तरफ निकाल दें और बाईं सुरीन पर बैठ जाएं।
  • अब अत्तहियात पढ़ें – “ला” पर दाहिनी हाथ की शहादत की उंगली उठाएं।
  • और इल्ला पर वापस नीचे करें।
  • अगर नमाज़ 2 रकात की है तो यहीं दुरूदे इब्राहीम और दुआए मासूरा पढ़कर सलाम फेर दें।
  • लेकिन 3 या 4 रकात की है तो अल्लाहु अकबर कह कर तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

तीसरी और चौथी रकात

  • तीसरी और चौथी रकात भी दूसरी की तरह ही पढ़ें।
  • हर बार सूरह फातिहा और कोई सूरह पढ़ें, फिर रूकुअ और सज्दा करें।
  • चौथी रकात में आखिरी सज्दे के बाद इत्मीनान से बैठें।
  • और दूसरी रकात की तरह ही सब करना है।
  • अत्तहियात, दुरूदे इब्राहीम और दुआए मासूरा पढ़ें।
  • फिर दाहिनी ओर और बायीं ओर “अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह” कह कर सलाम फेरें।

यूं आपकी 4 रकात नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।


औरत की नमाज़ की नियत का तरीका

  • नमाज़ की नियत औरत और मर्द दोनों की एक जैसी होती है।
  • फर्क बस इतना है कि औरत तकबीर के वक्त हाथ कांधों तक उठाती है, जबकि मर्द कानों तक।
  • औरत नियत बांधते हुए हाथ सीने पर रखती है, जबकि मर्द नाफ़ के नीचे।

औरत के लिए नमाज़ की रकात

  • फ़ज्र – 4 रकात
  • ज़ोहर – 12 रकात
  • असर – 8 रकात
  • मगरिब – 7 रकात
  • ईशा – 17 रकात

आखिरी बातें

मेरी प्यारी बहनों! अब तक आपने औरत की नमाज़ का पूरा तरीका जान लिया। अगर कहीं कोई बात समझ न आई हो या कुछ छूट गया हो तो बेझिझक कमेंट में पूछें।

इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि हमारी और बहनें भी सही तरीके से नमाज़ पढ़ सकें। अल्लाह तआला हम सबको नमाज़ की पाबंदी करने की तौफ़ीक़ दे।