हम में से बहुत से लोग Chasht Ki Namaz Ka Tarika जानना चाहते हैं, लेकिन सही जानकारी न मिलने की वजह से वे इसे पढ़ने से रह जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है।
तो अब टेंशन की कोई बात नहीं यहां हम आपको स्टेप-बाय-स्टेप चाश्त की नमाज़ का तरीका बताएंगे, जिसमें नीयत से लेकर सलाम फेरने तक हर चीज़ आसान शब्दों में समझाई गई है।
इसे सुबह के वक्त अदा किया जाता है और हदीसों में इसकी बहुत बड़ी फ़ज़ीलत बताई गई है। कहा जाता है कि यह नमाज़ न सिर्फ़ इंसान के गुनाहों को मिटाती है, बल्कि रिज़्क़ में बरकत और तंगी से निजात भी दिलाती है।
चाश्त की नमाज़ क्या है?
चाश्त की नमाज़ एक नफ़्ल नमाज़ है, लेकिन इसका दर्जा बाकी नफ़्ल नमाज़ों से कहीं ज्यादा अफ़ज़ल है।
चाश्त की नमाज़ को कम से कम 2 रकात पढ़ना बेहतर है, और चाहें तो आप 12 रकात तक अदा कर सकते हैं।
Chasht Ki Namaz Ka Tarika
पहली रकात
- सबसे पहले चाश्त की नमाज़ की नीयत करें और हाथ बांध लें।
- सना सुब्हानक अल्लाहुम्मा… पढ़ें।
- अऊज़ु बिल्लाह… और फिर बिस्मिल्लाह… पढ़ें।
- सूरह फातिहा पूरी पढ़ें और धीरे से आमीन कहें।
- इसके बाद कोई भी छोटी या बड़ी सूरह पढ़ लें।
- फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकूअ करें।
- और 3 बार सुब्हान रब्बियाल अज़ीम कहें।
- समिअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए खड़े हो जाएं।
- और रब्बना लकल हम्द कहें।
- अब सज्दा करें और 3 बार सुब्हान रब्बियाल अ’ला पढ़ें।
- उठकर थोड़ी देर बैठें, फिर दूसरा सज्दा करें और वही पढ़ें।
- अब दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
दूसरी रकात
- फिर से अऊज़ु बिल्लाह… और बिस्मिल्लाह… पढ़ें।
- सूरह फातिहा और उसके बाद कोई भी सूरह पढ़ें।
- रुकूअ करें और 3 बार सुब्हान रब्बियाल अज़ीम पढ़ें।
- खड़े होकर रब्बना लकल हम्द कहें।
- अब सज्दा करें और 3 बार सुब्हान रब्बियाल अ’ला पढ़ें।
- दूसरे सज्दे के बाद बैठ जाएं और अत्तहिय्यात पढ़ें।
- कलिमा ए ला पर उंगली उठाएं और फिर सीधी कर लें।
- दुरूदे इब्राहीम और दुआ-ए-मसूरा पढ़ें।
- आखिर में दाईं और बाईं तरफ अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए सलाम फेरें।
इस तरह आपकी 2 रकात चाश्त की नमाज़ पूरी हो जाएगी। आप चाहें तो इसी तरह 2-2 रकात की नियत से ज्यादा से ज्यादा 12 रकात तक अदा कर सकते हैं।
चाश्त की नमाज़ की नीयत
हिंदी नियत:
नीयत कि मैने 2 रकात नमाज़ ए चाश्त की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ कि तरफ अल्लाहु अकबर।
अरबी नियत:
नवैतुअन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलाति नफ्ली मुतवाजिहन इला जि हातिल काअबतिस श़रिफते अल्लाहु अकबर
चाश्त की नमाज़ का वक्त
- सुबह सूरज निकलने के 20 मिनट बाद से लेकर आधे दिन ज़वाल से पहले तक।
- सबसे बेहतरीन वक्त – चौथाई दिन चढ़ने पर।
आसान तरीका: जब सूरज इतना तेज़ हो जाए कि सीधा देखना मुश्किल लगे, उस वक्त से लेकर ज़वाल से पहले तक चाश्त की नमाज़ पढ़ी जा सकती है।
📝 आखिरी हिदायत
अब आपने भी चाश्त की नमाज़ का आसान तरीका पढ़ कर सीख लिया है। इसे अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाइए और दूसरों को भी बताइए ताकि वो भी इस बरकत भरी नमाज़ का फ़ायदा उठा सकें।
अगर आपको इस आर्टिकल में कोई कमी लगे या कोई सवाल हो, तो कॉमेंट करके ज़रूर बताएं। इंशाअल्लाह, अल्लाह तआला आपको अज्र अता करेगा।