सुबह की ठंडी और रूहानी फज़ाओं में जब पूरी दुनिया नींद में होती है, उस वक़्त एक मोमिन अल्लाह के सामने खड़ा होता है। फजर की नमाज़ के लिए दिन की पहली नमाज़ जो बरकतों का आगाज़ है।
अगर आप सोच रहे हैं कि Fajar Ki Namaz Ki Niyat सही तरीक़े से कैसे करें तो यह लेख आपके लिए है। यहां आपको फजर की सुन्नत और फर्ज दोनों की नियत हिंदी और अरबी में साफ़ और आसान लफ़्ज़ों में दी जा रही है।
एक बार ध्यान से पढ़ लीजिए, इसके बाद आप आसानी से फजर की नियत करना सिख जाएंगे फिर कहीं और ढूंढने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी इंशा अल्लाह।
Fajar Ki Namaz Ki Niyat
फजर की नमाज़ में कुल 4 रकात पढ़ी जाती हैं –
- 2 रकात सुन्नत – रसूल ﷺ की सुन्नत
- 2 रकात फर्ज – अल्लाह तआला का हुक्म
इसलिए नियत भी दो बार की जाती है पहले सुन्नत की और फिर फर्ज की। नीचे दोनों की नियत दी गई है।
फजर की 2 रकात सुन्नत की नियत
हिंदी में नियत:
नियत की मैंने 2 रकअत नमाज़-ए-फजर की सुन्नत रसूले पाक ﷺ की वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।
अरबी में नियत:
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى رَكْعَتَيْ صَلٰوةِ الْفَجْرِ سُنَّةِ رَسُوْلِ اللّٰهِ مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيْفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an Usalliya Lillahi Ta’ala Rak’ati Salat-il-Fajri Sunnat Rasoolillahi Mutawajjihan ila Jihat-il-Ka’batish Sharifati, Allahu Akbar.
फजर की 2 रकात फर्ज की नियत
हिंदी में नियत:
नियत की मैंने 2 रकअत नमाज़-ए-फजर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।
अरबी में नियत:
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى رَكْعَتَيْ صَلٰوةِ الْفَجْرِ فَرْضًا لِلّٰهِ تَعَالٰى مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيْفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an Usalliya Lillahi Ta’ala Rak’atay Salati Fajri Farjulahe T’ala Mutawajjihan ila Jihat-il-Ka’batish Sharifati, Allahu Akbar.
फजर की नमाज़ की नियत कैसे करें?
- सबसे पहले नियत के लफ्ज़ को सही तरह से पढ़ें।
- नियत सिर्फ ज़बान से नहीं, दिल में भी होनी चाहिए कि आप यह नमाज़ अल्लाह की रज़ा के लिए पढ़ रहे हैं।
- नियत के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ उठाएं:
- औरतें: हाथ को कंधों तक उठाकर फिर सीने पर बांध लें।
- मर्द : हाथ को कानों तक उठाकर, कान की लोब छूकर नीचे लाएं और नाफ़ के नीचे बांधें।
- हाथ बांधने का तरीका:
- नीचे बाईं हथेली रखें,
- उसके ऊपर दाहिना हाथ,
- तीन उंगलियां ऊपर रखें और बाकी दो से पकड़ लें।
अगर जमात के साथ नमाज़ पढ़ रहे हैं तो ध्यान दें
हिंदी नियत में “वास्ते अल्लाह तआला” के बाद “पीछे इस इमाम के” कहकर बाकी लफ्ज़ पढ़ें। अरबी नियत में: “إقتَدَيْتُ بِهٰذَا الْإِمَامِ” के बाद “मुतवाजिहन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफ़ा” कहें, फिर “अल्लाहु अकबर” कहकर नियत बांधें।
अगर किसी वजह से लफ्ज़ ठीक से अदा न हो पाए, तो सिर्फ दिल में नियत कर लेना भी काफ़ी है। ज़ुबानी नियत करना सुन्नत है लेकिन असली नियत दिल में होती है।
अंतिम बात
अब आपने फजर की नमाज़ की नियत और उसे करने का सही तरीका अच्छी तरह समझ लिया है’। हमने यहां पर दोनों नियत अरबी और हिंदी में साफ़ तौर पर पेश की थी ताकि आप जो भी आसान लगे उसे पढ़कर नमाज़ शुरू कर सकें।
अगर कोई बात समझ में न आए या कोई गलती दिखे तो नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं। और इस लेख को अपने दोस्तों और अहबाबों तक ज़रूर पहुंचाएं ताकि वो भी सवाब में हिस्सा लें।
अल्लाह तआला हम सब को सही तरीक़े से नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ अता फरमाए। इंशा अल्लाह, आप हर सुबह की शुरुआत इबादत से करेंगे तो बरकतें खुद-ब-खुद आपके घर उतरेंगी।