Farz Namaz Ki Niyat: हर फर्ज़ नमाज़ की सही नियत आसान लफ्ज़ों में

आज आप यहीं Farz Namaz Ki Niyat की पूरी जानकारी हिंदी और अरबी दोनों रूपों का बहुत ही सरल और स्पष्ट लफ़्ज़ों में पाएंगे।

हर नियत को हमने ऐसे आसान शब्दों में प्रस्तुत किया है कि पढ़ते ही आप समझ जाएँगे। इन्हें पढ़ने के बाद आप बिना किसी झिझक के फर्ज़ नमाज़ की सही नियत कर सकेंगे।

यकीनन अब कहीं और खोजने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए एक बार ध्यान से शुरुआत से अंत तक पढ़ें और दुआ करें कि अल्लाह तआला आपकी नमाज़ें कबूल करे।


Farz Namaz Ki Niyat

पहले यह समझना ज़रूरी है कि फर्ज़ नमाज़ अलग-अलग रकातों में अदा की जाती है किसी में 2 रकात, किसी में 3 रकात और किसी में 4 रकात। यहां आप हर तरह की फर्ज़ नमाज़ की सही नियत जानेंगे।

शायद आप पहले से जानते होंगे कि फर्ज़ नमाज़ अकेले भी पढ़ी जाती है और जमात के साथ भी। इन दोनों में नियत करने का तरीका थोड़ा अलग होता है। यह भी हम आपको बताएंगे।


फर्ज नमाज़ की 2 रकात की नियत

हिंदी नियत:

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ (यहां पर नमाज़ का नाम लें जैसे: फजर) की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

अरबी नियत:

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला रकाति सलावतिल (यहां नमाज़ का नाम लें जैसे: फजरी) फर्जुल्लाहे तआला मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफती अल्लाहू अकबर।


फर्ज नमाज़ की 3 रकात की नियत

हिंदी नियत:

नियत की मैने 3 रकात नमाज़ (यहां पर नमाज़ का नाम लें जैसे: मगरिब) की फर्ज़ वास्ते अल्लाह ताअला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

अरबी नियत:

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला सलस् रकाति सलावति (नमाज़ का नाम लें जैसे: मग़रिबी) फर्जुलल्लाहे मुतवाजिहन इला जिहातिल काअबतिस शरीफती अल्लाहु अकबर।


फर्ज नमाज़ की 4 रकात की नियत

हिंदी नियत:

नियत की मैने नमाज़ (यहां नमाज़ का नाम लें जैसे: जोहर) की 4 रकात फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

अरबी नियत:

नवैतुवन उसल्लीय लिल्लाही तआला आरबा रकाति सलाति (यहां पर नमाज़ का नाम लें जैसे: जोहरी) फर्जुलल्लाहे तआला मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश शरीफती अल्लाहू अकबर।


Farz Namaz Ki Niyat Ka Tarika

  • सबसे पहले किब्ला काबा शरीफ की तरफ सीधे खड़े हो जाएं।
  • दोनों पैरों के बीच लगभग चार उंगलियों का फासला रखें।
  • दिल में पक्का इरादा करें कि आप इस वक्त की फर्ज नमाज़ पढ़ रहे हैं।
  • ज़बान से नियत पढ़ना ज़रूरी नहीं है, लेकिन दिल में नियत होना लाज़मी है।
  • नियत करने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ उठाएं और फिर बांध लें।

फर्ज नमाज़ की नियत बांधने का तरीका

मर्द दोनों हाथ कानों तक उठाकर कान की लौ को छू लें, फिर नाफ़ के नीचे हाथ बांध लें। औरतें दोनों हाथ कंधों तक उठाएं और फिर सीने पर बांध लें।


जमात के साथ नमाज़ की नियत

अगर आप इमाम के पीछे नमाज़ पढ़ रहे हैं तो:

  • हिंदी नियत में “अल्लाह तआला के बाद” → “इस इमाम के पीछे” जोड़ दें।
  • अरबी नियत में “फर्ज़ुल्लाहे तआला” के बाद → “इक्तदयतु बिहाज़ल इमाम” कहें।
  • इमाम के “अल्लाहु अकबर” कहने के बाद आप भी तकबीर कहें और हाथ बांध लें।

अंतिम बातें

मेरे अज़ीज़ भाइयों और बहनों, अब आपने आसानी से हर फर्ज नमाज़ की नियत और उसका सही तरीका जान लिया। नमाज़ हमारी रूह की सुकून है, इसलिए नियत को सही करना बेहद ज़रूरी है।

अगर आपको अभी भी किसी हिस्से में कन्फ्यूज़न है, तो नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं। और हां, इस आर्टिकल को ज़रूर शेयर करें ताकि दूसरे मुस्लिम भाई-बहन भी फायदा उठा सकें।