अल्हम्दुलिल्लाह! मुसलमान की ज़िंदगी का सबसे अहम हिस्सा उसकी नमाज़ है। पांच वक्त की नमाज़ हमें अल्लाह से जोड़ती है और हमारे ईमान को मज़बूत करती है।
बहुत से लोग पूछते हैं कि ईशा की नमाज़ कैसे पढ़ी जाती है? इसमें कितनी रकात होती हैं? सुन्नत, फर्ज़ और वित्र में फर्क क्या है अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो अब टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं।
इस आर्टिकल में हम आपको ईशा की नमाज़ का पूरा तरीका स्टेप बाय स्टेप बताएंगे। नियत, रकात, वक़्त – सबकुछ आसान लफ़्ज़ों में। इंशा अल्लाह पढ़ने के बाद आप कभी कन्फ्यूज़ नहीं होंगे।
Isha Ki Namaz Ki Rakat
सबसे पहले जान लीजिए कि ईशा की नमाज़ में कुल 17 रकात होती हैं:
- 4 रकात सुन्नत
- 4 रकात फर्ज़
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात नफ़्ल
- 3 रकात वित्र
- 2 रकात नफ़्ल
यानि पूरी ईशा की नमाज़ मुकम्मल 17 रकात में होती है। अब चलिए एक-एक करके तरीका समझते हैं।
ईशा की 4 रकात सुन्नत का तरीका
अब हम आपको स्टेप बाय स्टेप बताएंगे कि ईशा की नमाज़ किस तरह अदा की जाती है सबसे पहले 4 रकात ईशा में सुन्नत पढ़ी जाती है तो इसे ही पहले जानेंगे।
पहली रकात
- नियत करें नीचे बताई हुई है।
- तकबीर कहकर हाथ बांधें।
- सना सुब्हानक अल्लाहुम्मा… पढ़ें।
- अऊज़ु बिल्लाहि… फिर बिस्मिल्लाह… पढ़ें।
- सूरह फातिहा और कोई भी सूरह पढ़ें।
- रुकू करें और सुब्हान रब्बियल अज़ीम कम से कम 3 बार पढ़ें।
- उठते हुए कहें: समिअल्लाहु लिमन हमिदह रब्बना लक़ल हम्द।
- सज्दा करें और सुब्हान रब्बियल अ’ला 3 बार पढ़ें।
- बैठें, फिर दूसरा सज्दा करें और खड़े हो जाएं।
दूसरी रकात
- सूरह फातिहा + कोई सूरह पढ़ें।
- रुकू → सज्दा पहले जैसा ही।
- अत्तहिय्यात पढ़ें और शहादत की उंगली उठाएं।
- फिर तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
तीसरी रकात
- वही तरीका दोहराएं:
- सूरह फातिहा + सूरह → रुकू → सज्दा।
- चौथी रकात के लिए खड़े हों।
चौथी रकात
- सूरह फातिहा + सूरह पढ़ें।
- रुकू → सज्दा।
- तशह्हुद, दुरूदे इब्राहीम और दुआए मासूरह पढ़ें।
- आखिर में सलाम फेरें:
- दाहिनी तरफ: अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह
- बाईं तरफ: अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह
यहां तक आपकी 4 रकात सुन्नत मुकम्मल हो गई।
ईशा की 4 रकात फर्ज़ का तरीका
फर्ज़ नमाज़ दो तरह से पढ़ी जाती है:
- अकेले में
- इमाम के पीछे
दोनों तरीकों का डिटेल्स यहां पढ़ें।
ईशा की 2 रकात सुन्नत का तरीका
यह बिल्कुल 4 रकात सुन्नत जैसा है। बस इसमें 2 रकात अदा करनी होती है।
डिटेल्स यहां देखें।
ईशा की 2 रकात नफ़्ल का तरीका
इसे भी सुन्नत की तरह ही पढ़ा जाता है। फर्क सिर्फ नियत का है।
डिटेल्स यहां क्लिक करें।
ईशा की 3 रकात वित्र वाजिब का तरीका
वित्र थोड़ा अलग होता है। इसमें क़ुनूत की दुआ भी पढ़ी जाती है। इसी वजह से इसे सही तरह से सीखना जरूरी है।
पूरी जानकारी यहां पढ़ें।
Isha Ki Namaz Ki Niyat
4 रकात सुन्नत:
नियत की मैंने 4 रकात नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूले पाक ﷺ की वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
4 रकात फर्ज़:
नियत की मैंने 4 रकात नमाज़ ईशा की फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
इमाम के पीछे:
नियत की मैंने 4 रकात नमाज़ ईशा की फर्ज़ इस इमाम के पीछे, अल्लाह तआला के वास्ते रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
2 रकात सुन्नत:
नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ ईशा की सुन्नत, अल्लाह तआला के वास्ते, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
2 रकात नफ़्ल:
नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ ईशा की नफ़्ल, अल्लाह तआला के वास्ते, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
3 रकात वितर:
नियत की मैंने 3 रकात नमाज़ ईशा की वितर वाजिब, अल्लाह तआला के वास्ते, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
Isha Ki Namaz Ka Waqt
ईशा का वक़्त मगरिब की सफेदी खत्म होने के बाद शुरू होता है।
- रात के पहले हिस्से में पढ़ना अफ़ज़ल है।
- आधी रात तक पढ़ना मुबाह है।
- आधी रात के बाद पढ़ना मकरूह है।
आखिरी बात
मेरे अज़ीज़ भाइयों और बहनों! अब आपने ईशा की नमाज़ का पूरा तरीका सीख लिया है। इंशा अल्लाह इसे अमल में लाएं और दूसरों तक भी पहुंचाएं।
अगर आपको कहीं कोई कमी या गलती लगे तो हमें कॉमेंट करके बताएं। अल्लाह हम सबको नमाज़ का पाबंद बनाए और सही अमल की तौफीक दे।