Isha Ki Namaz Ki Niyat | ईशा की नमाज़ की नियत कैसे करें?

ईशा की नमाज़ इस्लाम की अहम नमाज़ों में से एक है। दिनभर की सारी नमाज़ों को अदा करने के बाद जब मोमिन बंदा रात को अल्लाह के सामने झुकता है, तो उसकी इबादत का सवाब और भी बढ़ जाता है।

अगर आप भी सोच रहे हैं कि Isha Ki Namaz Ki Niyat सही तरीक़े से कैसे करें तो आप बिलकुल सही जगह आए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको ईशा की नमाज़ की नियत सिखाएंगे।

हिंदी और अरबी दोनों में नियत का सही लफ्ज़, और मर्द व औरतों के लिए नियत करने का तरीका भी बताएंगे। एक बार यह आर्टिकल ध्यान से पढ़ लेंगे तो आपको कहीं और ढूँढने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, इंशा अल्लाह।


Isha Ki Namaz Ki Niyat

ईशा की नमाज़ में सुन्नत, फर्ज़, नफ्ल और वित्र वाजिब नमाज़ अदा की जाती है यानि इस ईशा की नमाज़ को मुकम्मल करने के लिए कई बार नियत करनी होगी आइये सभी नियत को एक एक करके जानते हैं।


1. ईशा की 4 रकात सुन्नत की नियत

हिंदी में नियत

नियत की मैने 4 रकात नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूले पाक ﷺ की वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।

अरबी में नियत

نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى أَرْبَعَ رَكَعَاتِ صَلَاةِ الْعِشَاءِ سُنَّةَ رَسُولِ اللّٰهِ مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرْ

Nawaitu an usalliya lillahi ta‘ala arba‘a raka‘ati salati ‘Ishaa’i sunnat Rasoolillahe mutawajjihan ila jihatil Ka‘batish Shareefati — Allahu Akbar


2. ईशा की 4 रकात फर्ज़ की नियत

हिंदी में नियत

नियत की मैने 4 रकात नमाज़ ईशा की फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।

अरबी में नियत

نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى أَرْبَعَ رَكَعَاتِ صَلَاةِ الْعِشَاءِ فَرْضَ اللّٰهِ مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرْ

Nawaitu an usalliya lillahi ta‘ala arba‘a raka‘ati salatil ‘Ishaa’i farjullahe mutawajjihan ila jihatil Ka‘batish Shareefati — Allahu Akbar


3. ईशा की 2 रकात सुन्नत की नियत

हिंदी में नियत

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूले पाक ﷺ की वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।

अरबी में नियत

نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى رَكْعَتَيْنِ صَلَاةِ الْعِشَاءِ سُنَّةَ رَسُولِ اللّٰهِ مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرْ

Nawaitu an usalliya lillahi ta‘ala rak‘atay salati ‘Ishaa’i sunnat Rasoolillahe mutawajjihan ila jihatil Ka‘batish Shareefati — Allahu Akbar


4. ईशा की 2 रकात नफ्ल की नियत

हिंदी में नियत

नियत की मैने 2 रकात नमाज़ ईशा की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।

अरबी में नियत

نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى رَكْعَتَيْنِ صَلَاةِ النَّفْلِ مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرْ

Nawaitu an usalliya lillahi ta‘ala rak‘atay salati nafli mutawajjihan ila jihatil Ka‘batish Shareefati — Allahu Akbar


5. वित्र की 3 रकात वाजिब की नियत

हिंदी में नियत

नियत की मैने 3 रकात नमाज़ वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ़, अल्लाहु अकबर।

अरबी में नियत

نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى ثَلَاثَ رَكَعَاتِ صَلَاةِ الْوِتْرِ وَاجِبَ اللّٰهِ مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرْ

Nawaitu an usalliya lillahi ta‘ala Salasa raka‘ati salati witr waajiballahe mutawajjihan ila jihatil Ka‘batish Shareefati — Allahu Akbar


Isha Ki Namaz Ki Niyat Ka Tarika

  1. नियत करने के बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए हाथ उठाएं।
  2. औरतें: हाथों को कंधे तक उठाकर फिर सीने पर बांध लें।
  3. मर्द: हाथों को कानों तक उठाकर कान की लौ को छूएं, फिर नाफ़ के नीचे बांध लें।
  4. बाएं हाथ को नीचे रखें और दायां हाथ ऊपर रखें। तीन उंगलियां सीधी रखें और दो से पकड़ें।

जमात में नियत कैसे करें?

अगर आप जमात के साथ नमाज़ पढ़ रहे हैं तो हिंदी नियत में “वास्ते अल्लाह तआला” के बाद “पीछे इस इमाम के” कहना होगा।

अरबी नियत में “اقتديت بهذا الإمام” इक्तदैतु बिहाज़ल इमाम जोड़ेंगे, ध्यान रहे नियत ज़ुबान से करना ज़रूरी नहीं। अगर दिल में पक्का इरादा हो तो वही काफी है।


आख़िरी बातें

अब तक आपने न सिर्फ़ ईशा की नमाज़ की हर रकात की नियत हिंदी और अरबी में सीख ली है, बल्कि नियत करने का सही तरीका भी जान लिया है। आप चाहें तो जो अंदाज़ आसान लगे, उसी से नियत कर सकते हैं।

अगर फिर भी कोई सवाल हो या कोई गलती नज़र आए, तो नीचे कॉमेंट में ज़रूर बताएं। और हां, इस मुबारक इल्म को अपने दोस्तों और घरवालों तक पहुंचाना न भूले।