Ishraq Ki Namaz Ka Tarika | इशराक की नमाज़ का सही तरीका

Ishraq Ki Namaz Ka Tarika: इशराक की नमाज़ एक ऐसी नफ़्ल नमाज़ है जो सुबह-सुबह फज्र के बाद अदा की जाती है। इसे पढ़ने का सवाब इतना बड़ा है कि हदीसों में इसे हज और उमराह के बराबर बताया गया है।

इसीलिए हमने यहां पर इशराक की नमाज़ का तरीका एक-एक स्टेप में बहुत आसान लफ़्ज़ों में बताया है। इसको पढ़ने के बाद आपको कहीं और ढूंढने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। बस ध्यान से पढ़ें और अमल करें।


🕌 Ishraq Ki Namaz Ka Tarika

इशराक की नमाज़ बहुत ही आसान है और इसे हमेशा दो-दो रकात करके अदा किया जाता है। आइए इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं। ताकि अमल करने में आसानी हो।

🔹 पहली रकात

  1. सबसे पहले नियत करें और हाथ बांध लें।
  2. सना सुब्हानक अल्लाहुम्मा… पढ़ें।
  3. फिर अऊज़ु बिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
  4. उसके बाद सूरह फातिहा पूरी पढ़ें और आखिर में आमीन कहें।
  5. अब कोई भी छोटी या बड़ी सूरह पढ़ लें।
  6. अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकूअ में जाएं।
  7. रुकूअ में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  8. फिर समीअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द कहते हुए उठें।
  9. अब सज्दे में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  10. फिर उठकर दूसरा सज्दा करें और वही तस्बीह दोहराएं।

👉 यहां तक पहली रकात मुकम्मल हो गई। अब खड़े होकर दूसरी रकात शुरू करें।


🔹 दूसरी रकात

  1. अऊज़ु बिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
  2. फिर सूरह फातिहा और उसके बाद कोई सूरह पढ़ें।
  3. अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकूअ में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
  4. समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें।
  5. अब सज्दे में जाकर 3 बार सुब्हान रब्बियल अला पढ़ें।
  6. दूसरे सज्दे के बाद बैठकर अत्तहियात पढ़ें।
  7. अश्हदु ला… पर दाहिनी हाथ की शहादत उंगली उठाएं और इला पर नीचे कर दें।
  8. फिर दुरूद शरीफ यानि दुरूदे इब्राहीम पढ़ें।
  9. इसके बाद दुआए मासूरा पढ़ें और आखिर में सलाम फेरें –
    • पहले दाईं तरफ: अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह
    • फिर बाईं तरफ: अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह

👉 यहां तक आपकी 2 रकात नमाज ए इशराक मुकम्मल हो गई। इसी तरह आप 2-2 रकात की नियत से और भी पढ़ सकते हैं।


📌 Ishraq Ki Namaz Ki Rakat

  • इशराक की नमाज़ नफ़्ल है।
  • इसमें रकात फिक्स नहीं हैं।
  • कम से कम 2 रकात, और हाइली 12 रकात तक पढ़ सकते है।
  • जितनी ज्यादा तादाद में रकात अदा करेंगे, उतना ज्यादा सवाब मिलेगा।

🕰️ Ishraq Ki Namaz Ka Waqt

  • इशराक की नमाज़ का वक्त फज्र के बाद सूरज निकलने के 15-20 मिनट बाद से शुरू होता है।
  • उदाहरण: अगर सूर्योदय सुबह 5:40 पर है, तो 6:00 बजे के बाद नमाज़ ए इशराक पढ़ सकते हैं।
  • अगर बादल हों और सूरज नज़र न आए, तो जन्त्री/इस्लामी टाइम टेबल देखकर उसी हिसाब से पढ़ें।

🙏 Ishraq Ki Namaz Ki Niyat

हिंदी नियत:
मैं नियत करता हूँ 2 रकात नमाज़ ए इशराक की नफ़्ल अल्लाह तआला के लिए काबा शरीफ़ की तरफ रुख करके अल्लाहु अकबर।

अरबी नियत:
नवैतुअन उसल्लिया लिल्लाही तआला रकाती सलातिल नफ्लि मुतवाज्जिहन इलाजिहातिल काबतिश शरीफ़ति, अल्लाहु अकबर।


🌟 Ishraq Ki Namaz Ki Fazilat

  1. 2 रकात इशराक की नमाज़ का सवाब हज और उमराह के बराबर है।
  2. 4 रकात पढ़ने पर फरिश्ते पूरे दिन दुआएं करते रहते हैं।
  3. यह नमाज़ पढ़ने से गुनाह माफ़ होते हैं और रिज़्क़ में बरकत आती है।
  4. फज्र जमाअत से पढ़कर, ज़िक्र करते हुए इशराक अदा करने वाले को पूरा हज और उमराह का सवाब मिलता है।

FAQs

इशराक की नमाज़ कितनी रकात होती है?

कम से कम 2 और अधिकतम 12 रकात।

इशराक की नमाज़ का वक़्त कब है?

फज्र के बाद, सूरज निकलने के 15-20 मिनट बाद से शुरू होता है।

क्या औरतें भी इशराक की नमाज़ पढ़ सकती हैं?

जी हां, औरतें भी बिल्कुल उसी तरह पढ़ सकती हैं।

इशराक की नमाज़ का सबसे बड़ा फ़ायदा क्या है?

हदीस में आया है कि 2 रकात इशराक पढ़ने का सवाब एक हज और उमराह के बराबर है।

अगर इशराक की नमाज़ न पढ़ी जाए तो गुनाह है?

नहीं, यह नफ़्ल है, यानी न पढ़ने पर गुनाह नहीं, लेकिन पढ़ने पर बहुत बड़ा सवाब है।


✨ अंतिम हिदायत

अब तक आपने Ishraq ki Namaz Ka Tarika, Niyat, Rakat, Waqt और Fazilat सब कुछ जान लिया। कोशिश करें कि जब भी मौका मिले, इशराक की नमाज़ जरूर अदा करें।

जितनी ज्यादा रकात पढ़ेंगे, उतना ही अल्लाह की रहमत और बरकत हासिल होगी। अगर यह आर्टिकल आपको मददगार लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ ज़रूर शेयर करें।