नमाज़ हर मुसलमान पर फर्ज़ है और अल्लाह के करीब होने का सबसे बेहतरीन ज़रिया है। मगरिब की नमाज़ दिन और रात के बीच का वो वक़्त है जब सूरज डूब चुका होता है और रूहानी सुकून दिल को मिलना शुरू होता है।
आज हम आपको यहां मगरिब की नमाज़ का तरीका आसान और साफ लफ़्ज़ों में बताएंगे। इसमें नियत , रकात और हर स्टेप की पूरी डिटेल मिलेगी। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद कहीं और खोजने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
Maghrib Ki Namaz Mein Kitni Rakat Hoti Hai?
मगरिब की नमाज़ कुल मिलाकर 7 रकात पर मुश्तमिल है:
- 3 रकात फर्ज़
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात नफ्ल
सबसे पहले 3 रकात फर्ज़ अदा करना ज़रूरी है। इसके बाद 2 रकात सुन्नत और आखिर में 2 रकात नफ्ल पढ़ी जाती हैं।
Maghrib Ki 3 Rakat Farz Namaz Ka Tarika – अकेले पढ़ने पर
पहली रकात
- सबसे पहले 3 रकात फर्ज़ नमाज़ की नियत करें।
- तकबीर-ए-तहरीमा अल्लाहू अकबर कहकर हाथ बांध लें।
- सना सुब्हानक अल्लाहुम्मा व बिहम्दिका… पढ़ें।
- तअव्वुज़ अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ें।
- तस्मियह बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
- सूरह फातिहा पूरी पढ़ें और आखिर में धीरे से आमीन कहें।
- कोई एक छोटी या बड़ी सूरह पढ़ें।
- अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकूअ में जाएं।
- और कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- समीअल्लाहु लिमन हमिदह कहते हुए उठें और रब्बना लकल हम्द कहें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियल अ’ला पढ़ें।
- फिर उठकर बैठें और तुरंत दूसरा सज्दा करें।
- दूसरे सज्दे में भी 3 बार सुब्हान रब्बियल अ’ला पढ़ें।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
दूसरी रकात
- अऊज़ु बिल्लाह… और बिस्मिल्लाह… पढ़ें।
- सूरह फातिहा के बाद आमीन कहें और कोई सूरह पढ़ें।
- पहली रकात जैसा ही रुकूअ और सज्दा करें।
- दूसरे सज्दे के बाद बैठें और तशह्हुद पढ़ें।
- जब “ला” पर पहुंचें तो शहादत की उंगली उठाएं और “इल्ला” पर गिरा दें।
- अब तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।
तीसरी रकात
- अऊज़ु बिल्लाह, बिस्मिल्लाह और सूरह फातिहा पढ़ें।
- यहां कोई सूरह पढ़ना ज़रूरी नहीं, पढ़ना चाहें तो पढ़ सकते हैं।
- अब रुकूअ में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें।
- समीअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द पढ़ते हुए उठें।
- अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियाल अ’ला पढ़ें।
- उठकर बैठें और फिर दूसरा सज्दा करें।
- अब बैठकर तशह्हुद, दुरूद-ए-इब्राहीमी और दुआ-ए-मासूरा पढ़ें।
- लेकिन तशह्हुद पढ़ते हुए जब ला पर पहुंचे तो शहादत उंगली खड़ा करें और इल्ला पर गिरा दें।
- आखिर में सलाम फेरें:
- पहले दाहिनी तरफ अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह
- फिर बाईं तरफ अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह
- इस तरह 3 रकात फर्ज़ नमाज़ पूरी हो जाएगी।
हिंदी नियत:
नियत की मैंने 3 रकात नमाज़ मगरिब की फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी नियत:
नवैतु अन उसल्लिया लिल्लाहि तआला सलास रकअति सलातिल मग़रिबि फर्ज़ुल्लाहि मुतवज्जिहन इला जिहातिल काबतिश शरीफ़ति अल्लाहु अकबर।
Maghrib Ki Namaz Jamaat Ke Sath Ka Tarika
अगर आप इमाम के पीछे मगरिब की नमाज़ पढ़ रहे हैं:
- नियत बांध लें।
- सना, तअव्वुज़, तस्मियह मन ही मन पढ़ें।
- सूरह फातिहा और सूरह इमाम पढ़ेंगे, आप ध्यान से सुनें।
- रुकूअ और सज्दे इमाम के साथ करें।
- तशह्हुद, दुरूद और सलाम इमाम के साथ मिलकर अदा करें।
फर्ज नमाज़ जमाअत के साथ अदा कर रहे हैं तो हिन्दी नीयत में अल्लाह ताअला के बाद ‘पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर’ कहें।
जबकि अरबी की नियत में मग़रिबी फर्जुलल्लाहे के बाद इकत दयतू बिहाजल इमाम कहें तब मुतवाजिहन इला जिहातिल काअबतिस शरिफती अल्लाहु अकबर कहें।
Maghrib Ki 2 Rakat Sunnat Namaz Ka Tarika
3 फर्ज़ के बाद 2 रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ी जाती है। इसका तरीका फर्ज़ जैसा ही है, बस नियत अलग होगी अगर आप स्पेशल इसका तरीका जानना चाहते हैं तो 2 रकात सुन्नत नमाज़ का तरीका पर क्लिक करके जान लें।
हिंदी नियत:
नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ मगरिब की सुन्नत रसूल पाक की वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी नियत:
नवैतु अन उसल्लिया लिल्लाहि तआला रकअतै सलातिल मग़रिबि सुन्नत रसूलिल्लाहि मुतवज्जिहन इला जिहातिल काबतिश शरीफ़ति अल्लाहु अकबर।
Maghrib Ki 2 Rakat Nafl Namaz Ka Tarika
- सुन्नत पढ़ने के बाद 2 रकात नफ्ल अदा की जाती है।
- तरीका 2 रकात सुन्नत जैसा ही रहेगा बस नियत बदलें।
हिंदी नियत:
नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ मगरिब की नफ्ल की वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी नियत:
नवैतु अन उसल्लिया लिल्लाहि तआला रकअतै सलातिन नफ्लि मुतवाजिहन इला जिहातिल काबतिश शरीफ़ति अल्लाहु अकबर।
Maghrib Ki Namaz Ki Rakat
✔️ 3 रकात फर्ज़
✔️ 2 रकात सुन्नत
✔️ 2 रकात नफ्ल
कुल = 7 रकात
आखिर में
आखिर में यही कहना चाहूँगा कि अब आपने मगरिब की नमाज़ का सही तरीका विस्तार से सीख लिया है। इंशा’अल्लाह अब आप आसानी से नमाज़ अदा कर पाएंगे।
अगर कोई सवाल हो तो कॉमेंट करके पूछें और इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि दूसरे मुसलमान भी मगरिब की नमाज़ सही तरीक़े से अदा कर सकें।