नमाज़ मोमिन की ज़िंदगी का सबसे अहम हिस्सा है। हर नमाज़ की अपनी फज़ीलत होती है और मगरिब की नमाज़ का वक्त ऐसा होता है जब दिन ढल चुका होता है और रात की रहमतें दस्तक दे रही होती हैं।
अगर आप भी मगरिब की नमाज़ सही नियत से अदा करना चाहते हैं और बार-बार इंटरनेट पर Maghrib Ki Namaz Ki Niyat सर्च करते रहते हैं तो अब आपको कहीं और जाने की ज़रूरत नहीं।
यहां पर आपको मगरिब की नमाज़ की हिंदी और अरबी दोनों में नियत बहुत आसान लफ़्ज़ों में दी गई है, ताकि आप आसानी से याद कर सकें और सही तरीक़े से नमाज़ शुरू करें।
Maghrib Ki Namaz Ki Niyat
मगरिब की नमाज़ मुकम्मल अदा करने के लिए आपको 3 दफा नियत करनी होगी सबसे कब्ल 3 रकात फर्ज़, फिर 2 रकात सुन्नत और आखिर में 2 रकात नफ्ल की।
हमने यहां पर आपको बेहतर तरीके से समझने के लिए हर नमाज़ के लिए हिंदी के साथ साथ अरबी नियत भी प्रोवाइड की है जिसे आप आसानी से समझ जाएं।
मगरिब की 3 रकात फर्ज़ की नियत
हिंदी में नियत:
नियत की मैने 3 रकअत नमाज़ मगरिब की फर्ज़ वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी में नियत:
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى ثَلَاثَ رَكَعَاتٍ صَلَاةِ الْمَغْرِبِ فَرْضَ اللّٰهِ مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an Usalliya Lillahi Ta’ala Salasa Raka’ati Salati Maghribi Farzullahi Mutawajjihan ila Jihatil Ka’batish Sharifati Allahu Akbar
मगरिब की 2 रकात सुन्नत की नियत
हिंदी में नियत:
नियत की मैने 2 रकअत नमाज़ मगरिब की सुन्नत रसूले पाक ﷺ की वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी में नियत:
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى رَكْعَتَيْ صَلَاةِ الْمَغْرِبِ سُنَّةَ رَسُولِ اللّٰهِ مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an Usalliya Lillahi Ta’ala Rakatay Salati Maghribi Sunnat-rasulillahi Mutawajjihan ila Jihatil Ka’batish Sharifati Allahu Akbar
मगरिब की 2 रकात नफ़्ल की नियत
हिंदी में नियत:
नियत की मैने 2 रकअत नमाज़ मगरिब की नफ़्ल की वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
अरबी में नियत:
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى رَكْعَتَيْ صَلَاةِ النَّفْلِ مُتَوَجِّهًا إِلٰى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ اَللّٰهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an Usalliya Lillahi Ta’ala Rakatay Salati Nafli Mutawajjihan ila Jihatil Ka’batish Sharifati Allahu Akbar
मगरिब की नमाज़ की नियत कैसे बांधें?
- नियत करने के बाद “अल्लाहु अकबर” कहते हुए दोनों हाथ उठाएं।
- अगर आप औरत हैं तो हाथ को कांधे तक उठाकर फिर सीने पर लाकर बांधें।
- अगर आप मर्द हैं तो हाथों को कान तक उठाएं, कान की लौ छुएं और फिर नाफ़ के नीचे बांध लें।
- बाईं हथेली सबसे नीचे रखें, दाहिना हाथ ऊपर रखें, तीन उंगलियां सीधी और दो उंगलियों से पकड़ लें।
जमात के साथ नमाज़ पढ़ने की नियत में फर्क
अगर आप जमात के साथ नमाज़ पढ़ रहे हैं तो नीचे लिखी बातों पर गौर फरमाएं।
- हिंदी नियत में “वास्ते अल्लाह तआला” के बाद “पीछे इस इमाम के” का इज़ाफ़ा करें।
- अरबी नियत में مَغْرِبِ فَرْضَ اللّٰهِ के बाद اِقْتَدَيْتُ بِهٰذَا الْإِمَامِ कहकर फिर आगे के लफ़्ज़ पढ़ें।
याद रखें: नियत ज़ुबान से करना ज़रूरी नहीं, दिल का इरादा ही काफी होता है।
अंतिम लफ़्ज़
अब तक आपने मगरिब की नमाज़ की नियत को हिंदी और अरबी दोनों में पढ़ लिया और नियत बांधने का सही तरीका भी सीख लिया है।
आप चाहें तो इनमें से कोई भी नियत पढ़कर नमाज़ शुरू कर सकते हैं। अगर फिर भी कोई बात समझ में न आए, तो नीचे कॉमेंट में ज़रूर पूछें।
अगर आपको ये जानकारी फ़ायदेमंद लगी तो इसे अपने दोस्तों और अहबाब में शेयर करें ताकि वो भी सही तरीक़े से नमाज़ अदा कर सकें और आपको भी इसका सवाब मिले।