नमाज़ मुसलमान की ज़िंदगी का सबसे अहम हिस्सा है। अल्लाह तआला से सीधा रिश्ता जोड़ने का सबसे बेहतरीन ज़रिया नमाज़ ही है। यही वजह है कि इसे मोमिन की मेराज कहा गया है।
लेकिन अफसोस, बहुत से मुसलमान नमाज़ पढ़ते हुए भी इसका सही तरीका नहीं जानते। या फिर नमाज़ का तरीका ही कितने मुसलमानों को मालूम नहीं होता है।
आज इस आर्टिकल में हम आसान और साफ़ लफ़्ज़ों में बताएंगे नमाज़ पढ़ने का सही तरीका। इतना ही नहीं, हम यहां आपको पांच वक़्त की नमाज़, नफ़्ल नमाज़ें और खास मौकों की नमाज़ों का तरीका भी देंगे।
Namaz Ka Tarika
आप भी यक़ीनन जानते होंगे कि नमाज़ की हर इबादत रकातों पर मुकम्मल होती है। कभी 2 रकात, कभी 3 और कभी 4 रकात लेकिन अहम बात यह है कि हर रकात को सही तरीके से अदा किया जाए, जैसा कि हमारे प्यारे नबी ﷺ ने सिखाया।
इसी लिए हमने यहां आपको हर रकात का तरीका एक-एक करके स्टेप बाय स्टेप बताया है। अगर आप दिल लगाकर इसे पढ़ेंगे तो इंशा अल्लाह, नमाज़ अदा करना आपके लिए आसान और रुहानी सफ़र जैसा हो जाएगा।
1. नीयत करें
सबसे पहले वुज़ू और ग़ुस्ल कर लें। फिर क़िब्ला की तरफ़ रुख करके खड़े हों और जिस नमाज़ का वक़्त है, उसकी नीयत करें। इसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ बांध लें।
2. सना पढ़ें
नमाज़ की शुरुआत सना से होती है। यह पढ़ें: सुब्हानकल्लाहुम्मा व बिहम्दिका व तबारकसमुक व तआला जद्दुक व ला इलाहा गैरुक।
3. सूरह फ़ातिहा पढ़ें
सबसे पहले अऊज़ुबिल्लाह मिनश्शैतानिर्रजीम और बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ें। फिर पूरी सूरह फ़ातिहा पढ़ें।
- अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
- अर्रहमानिर्रहीम
- मालिकि यौमिद्दीन
- इय्याका नअबुदु व इय्याका नस्तईन
- इहदिनस्सिरातल मुस्तक़ीम
- सिरातल लज़ीना अनअमता अलैहिम
- ग़ैरिल मग़दूबि अलैहिम वलद्दाल्लीन
इसके बाद धीरे से आमीन कहें।
4. कोई सूरह या आयत पढ़ें
सूरह फ़ातिहा के बाद कुरान की कोई भी सूरह या तीन छोटी आयतें पढ़ें। उदाहरण के लिए सूरह कौसर:
- इन्ना आतैना कल कौसर
- फ सल्लिल रब्बिका वनहर
- इन् शानि अ क हुवल अबतर
5. रूकू करें
अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रूकू में जाएं और कम से कम 3 बार पढ़ें:
सुब्हान रब्बियल अज़ीम × 3
फिर खड़े होकर कहें: समीअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना लकल हम्द।
6. सज्दा करें
इसके बाद सज्दे में जाएं और पढ़ें:
सुब्हान रब्बियल अअला × 3
सज्दा ऑलवेज 2 बार किया जाता है यहां तक आपकी पहली रकात पूरी हो गई।
7. दूसरी रकात
अब दूसरी रकात के लिए खड़े हों। फिर से अऊज़ुबिल्लाह, बिस्मिल्लाह, सूरह फ़ातिहा और कोई सूरह पढ़ें। उसके बाद रूकू और सज्दा करें।
8. अत्तहियात पढ़ें
दोनों सज्दों के बाद बैठ जाएं और अत्तहियात पढ़ें और अल्ला पर शहादत की उंगली उठाएं और इल्लल्लाह पर वापस गिरा दें।
- अत्तहियातु लिल्लाहि वस्सला वातु
- वत्तय्यिबातु अस्सलामु अलैक अय्युहन्नबियु
- व रहमतुल्लाही व बरकातुहू अस्सलामु अलैना
- व अला इबादिल्लाहि – स्सालिहीन
- अश्हदु अल्लाइल्लाह इल्लल्लाहु
- व अश्हदु अन्ना-मुहम्मदन अब्दुहू व रसुलुहू
अगर 3 या 4 रकात नमाज़ अदा करनी हो तो इसी जगह से अल्लाहु अकबर कहते हुए क़याम के लिए उठ जाएँ।
और दूसरी रकात की तरह ही आगे की रकात ध्यान से मुकम्मल करें और अगर नमाज़ पूरी हो चुकी हो तो ध्यान दें।
9. दुरूदे इब्राहीम पढ़ें
अगर नमाज़ आख़िरी रकात है तो अत्तहियात के बाद दुरूदे इब्राहीम पढ़ें।
- अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिंव
- व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिन
- कमा सल्लैता अला सय्यिदिना इब्राहीमा
- व अला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद
- अल्लाहुम्मा बारिक अला सय्यिदिना मुहम्मदिंव
- व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिन
- कमा बारकता अला सय्यिदिना इब्राहिमा
- व अला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद
10. दुआए मासूरा पढ़ें
अब आख़िर में दुआए मासूरा पढ़ें। अगर पूरी याद न हो तो ये दुआ पढ़ सकते हैं।
- अल्लाहुम् म इन्नी जलम्तु
- नफ्सी जुल्मन कसीरंव
- वला यग्फिरूज् जुनूबा
- इल्ला अन्ता फग़फिरली
- मगफिरतम मिन इन दिका
- व रहमनी इन्नका अन्तल गफूरुर्रहिम
11. सलाम फेरें
आख़िर में सलाम फेरें।
- पहले दाहिनी तरफ़ गर्दन घुमाकर कहें: अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह।
- फिर बाईं तरफ़ भी यही कहें: अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह।
अब आपकी नमाज़ मुकम्मल हो गई।
FAQs
नमाज़ पढ़ने का आसान तरीका क्या है?
ऊपर बताए गए Step by Step तरीके से आप आसानी से नमाज़ अदा कर सकते हैं।
नमाज़ में कौन-कौन सी दुआएं ज़रूरी हैं?
सूरह फ़ातिहा, कोई सूरह, रूकू और सज्दे की तस्बीह, अत्तहियात, दुरूदे इब्राहीम और आखिर में दुआए मासूरा।
अगर कोई दुआ याद न हो तो क्या करें?
अगर लंबी दुआ याद न हो तो “रब्बना आतिना फिद्दुन्या हसनत…” पढ़ सकते हैं।
आखिर में
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! अब आपने पूरा नमाज़ का तरीका जान लिया। हमने यहां हर रकात का तरीका, दुआएं और नमाज़ से जुड़ी हर अहम जानकारी शामिल की है।
अगर आपके मन में नमाज़ से जुड़ा कोई सवाल या शक है तो हमें कमेंट में ज़रूर पूछें। इंशा अल्लाह, हम आपकी मदद करेंगे। नमाज़ को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाइए और अल्लाह की रहमतों के हक़दार बनिए।