Salatul Tasbeeh Ki Namaz Ka Tarika | सलातुल तस्बीह का आसान तरीका

अलहम्दुलिल्लाह!
सलातुल तस्बीह एक खास नफ़ली नमाज़ है, जिसे बहुत फज़ीलत वाली इबादत बताया गया है। इसमें एक ख़ास तस्बीह पढ़ी जाती है और चार रकात में कुल 300 दफ़ा यह तस्बीह अदा करनी होती है।

रसूलुल्लाह ﷺ ने अपने उम्मती के गुनाहों की माफी और मग़फिरत के लिए इस नमाज़ का तरीका बताया। इस नमाज़ की खास बात यह है कि इसमें हर रुक्न कयाम, रूकू, सज्दा पर तस्बीह पढ़ी जाती है।

तस्बीह के अल्फाज़ ये हैं:

سُبْحَانَ اللَّهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ وَلاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَاللَّهُ أَكْبَر

“सुब्हानल्लाहि वलहम्दु लिल्लाहि व ला इलाह इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर”

अब आइए जानते हैं इसका स्टेप-बाय-स्टेप तरीका:


सलातुल तस्बीह पढ़ने का स्टेप बाय स्टेप तरीका

1. नीयत और तकबीर

  • नमाज़ शुरू करने के लिए नीयत करके “अल्लाहु अकबर” कहें और हाँथ बांध लें।
  • नियत की मैने 4 रकात नमाज़ सलातुल तस्बीह की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

2. सना पढ़ें

  • “सुब्हानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दिका…”

3. 15 मर्तबा तस्बीह पढ़ें

  • सुब्हानल्लाहि वलहम्दु लिल्लाहि व ला इलाह इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर

4. सुरह फातिहा पढ़ें

  • फातिहा के बाद कोई सुरह या आयत पढ़ें
  • 10 मर्तबा तस्बीह पढ़ें

5. रूकू में जाएं

  • रूकू की तस्बीह सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें
  • फिर 10 मर्तबा वही तस्बीह पढ़ें

6. रूकू से उठें

  • समीअल्लाहु लिमन हामिदह के बाद रब्बना लकल हम्द
  • 10 मर्तबा तस्बीह पढ़ें

7. पहला सज्दा

  • सज्दे की तस्बीह सुब्हाना रब्बियल अला पढ़ें
  • फिर 10 मर्तबा तस्बीह

8. सज्दे से उठें

  • “रब्बीग़ फिरली, रब्बीग़ फिरली” पढ़ें
  • फिर 10 मर्तबा तस्बीह

9. दूसरा सज्दा

  • सज्दे की तस्बीह पढ़ें
  • फिर 10 मर्तबा तस्बीह

इस तरह एक रकाअत मुकम्मल होगी।

10. दूसरी रकाअत

  • उसी तरीके से पूरी करें।
  • अत्तहियात पढ़ें, जैसे आम 4 रकात नमाज़ में होता है।

11. तीसरी और चौथी रकाअत

  • इसी तरह अदा करें।

12. चौथी रकाअत के आखिर में

  • सारी दुआएं पढ़कर सलाम फेरें।

आपकी 4 रकात नमाज़ ए तस्बीह मुकम्मल हुई।

इसमें कुल 300 मर्तबा तस्बीह पढ़ी जाती है।
हदीस का हवाला: सुनन इब्ने माजाह, किताब इक़ामतुस्सलाती व सुन्नती फीहा (हदीस-1387) – दारुस्सलाम ने इसे “हसन” क़रार दिया है।


सलातुल तस्बीह के फज़ाइल

  • गुनाहों की माफी के लिए बेहतरीन इबादत
  • दिल को सुकून और रूहानी ताक़त मिलती है
  • अल्लाह की याद में इज़ाफा होता है

अगर आप दिल से तौबा और मग़फिरत चाहते हैं तो यह सलातुल तस्बीह की नमाज़ ज़रूर अदा करें। अल्लाह हमें अमल की तौफीक़ अता फ़रमाए।