शब-ए-बारात की मुबारक रात वो रात है जिसमें अल्लाह तआला अपने बंदों पर रहमतों और बख्शिशों के दरवाज़े खोल देता है। इस रात में नफ़्ल इबादत का खास सवाब है।
बहुत से लोग पूछते हैं कि Shab E Barat Ki 6 Rakat Nafil Namaz Ka Tarika क्या है? तो आज हम आपको आसान अल्फ़ाज़ में बताएंगे कि किस तरह 6 रकात नफ़्ल नमाज़ अदा करनी है।
कौन सी नियत करनी है और उसके बाद कौन सी दुआ पढ़नी है। अगर आप ये आर्टिकल पूरा ध्यान से पढ़ लेंगे तो इंशा’अल्लाह आपको कहीं और ढूंढने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
Shab E Barat Ki 6 Rakat Nafil Namaz Ka Tarika
इस नमाज़ को 2–2 रकात करके 3 सलाम में मुकम्मल करना होता है। यानि पहले 2 रकात, फिर सलाम; फिर 2 रकात, फिर सलाम; और आखिर में 2 रकात, फिर सलाम।
इसका तरीका बाकी नफ्ल नमाज जैसा ही है लेकीन इसे पहले दुआ और नियत अलग करनी होती है अब हम आपको स्टेप बाय स्टेप बताएंगे ताकि आप आसानी से इस नमाज़ को अदा कर सकें।
पहली 2 रकात नमाज़ का तरीका
- नियत करें।
- हाथ बांधकर सना पढ़ें।
- फिर अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
- अब सूरह फातिहा पूरी पढ़ें और आखिर में आमीन कहें।
- कोई भी एक सूरह पढ़ें।
- रूकूअ में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम कहें।
- सज्दे में जाएं और 3 बार सुब्हान रब्बियल आला पढ़ें।
- इसी तरह दूसरी सज्दा भी करें।
- दूसरी रकात मुकम्मल करें और आखिर में –
- अत्तहिय्यात, दरूदे इब्राहीम और दुआ-ए-मासूरह पढ़ें।
- फिर दोनों तरफ सलाम फेरें।
- इस तरह आपकी पहली 2 रकात मुकम्मल हो जाएगी।
नियत से पहले अर्ज़ करें: ऐ अल्लाह इन 2 रकात की बरकत से मुझे उम्र दराज व खैरो बरकत अता फरमा।
दूसरी 2 रकात नमाज़ का तरीका
नियत से पहले अर्ज़ करें: ऐ अल्लाह! इन 2 रकात की बरकत से हर तरह की बला और मुसीबत से मेरी हिफाज़त फरमा।
बाकी तरीका वही है जो ऊपर बताया गया। नमाज़ मुकम्मल होने के बाद: 1 बार सूरह यासीन, 21 बार सूरह इखलास 1 बार दुआ-ए-निस्फ शाबान।
तीसरी 2 रकात नमाज़ का तरीका
नियत से पहले अर्ज़ करें: ऐ अल्लाह इस 2 रकात की बरकत से मुझे सिर्फ अपना मोहताज रख गैरों की मोहताजी से बचा।
इसका भी मुकम्मल नमाज़ वही तरीके से होगी। इसके बाद: 1 बार सूरह यासीन, 21 बार सूरह इखलास और 1 बार दुआ-ए-निस्फ शाबान।
Shab E Barat Ki 6 Rakat Namaz Ki Niyat
मैं 2 रकात नफ़्ल नमाज़ शब ए बारात की अल्लाह तआला की रज़ा के लिए काबा शरीफ की तरफ रूख करके पढ़ता हूँ अल्लाहु अकबर।
हर बार नियत से पहले जो हमने बताया है उसपे गौर करें हर बार अलग नियत होगी जैसा कि ऊपर बताया गया है। यही इस नमाज़ की खासियत है।
दुआ-ए-निस्फ शाबान अगर अरबी न आती हो
अगर आप अरबी में न पढ़ पाएं तो उसका तर्जुमा पढ़ें:
ऐ मेरे अल्लाह तू ही सब पर एहसान करने वाला है और तुझ पर कोई एहसान नहीं कर सकता ऐ बुजुर्गी और मेहरबानी रखने वाले।
और ऐ बख्शिश का इनाम करने वाले तेरे सिवा कोई माबूद नहीं तू ही गिरतों को थामने वाला है बेपनाहों को पनाह देने वाला है और परेशान हालों का सहारा है।
ऐ अल्लाह अगर तूने मुझे पा उम्मुल किताब में भटका हुआ या महरूम या कम नसीब लिख दिया है तो ऐ अल्लाह अपने फज्ल से मेरी खवारी बद बख्ती रांदगी और रोज़ी की कमी को मिटा दे और अपने उम्मूल किताब में मुझे खुश नसीब वसीअ रिज्क और नेक कर दे।
बेशक तेरा यह कहना तेरी किताब में जो तेरे नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के जरिए हमें पहुंची है सच है कि अल्लाह जो चाहता है बना देता है।
और उसी की के पास उममुल किताब है ऐ खुदा तजल्ली आज़म का सदका इस निस्फ शाबान मुकर्रम की रात में जिसमें तमाम चीजों की तकसीम व निफाज़ होता है।
मेरी बलाओं को दूर कर ख्वाह मैं इन को जानता हूं या न जानता हूं और जिनसे तू वाकिफ है। बेशक तू ही सबसे बरतर और बढ़ कर एहसान करने वाला है।
अल्लाह की रहमत व सलामती हो हमारे सरदार मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर और उनकी आल व औलाद और सहाबा पर आमीन।
आख़िरी बात
अब आपको साफ़-साफ़ समझ आ गया होगा कि शब-ए-बारात की 6 रकात नफ्ल नमाज़ कैसे पढ़ी जाती है अगर आपको कोई बात समझ न आए या कोई सवाल हो तो नीचे कॉमेंट में पूछें।
और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि और लोग भी इस मुबारक रात में सही तरीक़े से इबादत कर सकें याद रखें गलती इंसान से ही होती है।
अगर आपको लगे कि कहीं कोई कमी रह गई हो तो हमें ज़रूर बताएं। अल्लाह तआला हम सबको अज्र अज़ीम अता फरमाए। आमीन।