शब-ए-मे़राज की नमाज़ का तरीका | Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika

शब-ए-मे़राज वह मुबारक रात है जब हमारे प्यारे नबी ﷺ को अल्लाह तआला ने आसमानों की सैर करवाई। यह रात रहमत, बरकत और इबादत की रात है।

इस रात में की गई इबादत का सवाब कई गुना बढ़ा दिया जाता है। इसलिए मोमिनों के दिल में यह ख्वाहिश होती है कि वह शब-ए-मे़राज की नमाज़ सही तरीके से अदा करें।

आज हम आपको Shab E Meraj Ki Namaz Ka Tarika पूरी डिटेल और आसान लफ़्ज़ों में बता रहे हैं। एक-एक स्टेप को ध्यान से पढ़ लें, ताकि आप घर बैठे आसानी से यह मुबारक नमाज़ अदा कर सकें।


शब-ए-मे़राज की नमाज़ का तरीका

इस रात 2-2 रकात की नियत से नमाज़ पढ़ी जाती है। चलिए, स्टेप-बाय-स्टेप देखते हैं कि इसे किस तरह अदा करना है।

पहली रकात

  • पहले 2 रकात शब-ए-मे़राज की नमाज़ की नियत करें।
  • अल्लाहु अकबर कह के हाथ बांध लें।
  • सबसे पहले सना पढ़ें।
  • फिर अऊज़ुबिल्लाहि मिनश्शैतानिर्रजीम पढ़ें।
  • उसके बाद बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ें।
  • अब सूरह फातिहा पढ़ें और आखिर में धीरे से आमीन कहें।
  • फिर सूरह इख़लास 3 बार पढ़ें।
  • अब रुकूअ में जाकर 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम कहें।
  • फिर सीधे खड़े होकर समिअल्लाहु लिमन हमिदह, रब्बना लक़ल हम्द कहें।
  • सज्दे में जाकर 3 बार सुब्हान रब्बियल ला पढ़ें।
  • उठ कर बैठें और फिर दूसरा सज्दा करें।
    यहां तक आपकी पहली रकात मुकम्मल हो गई।

🌙 दूसरी रकात

  • फिर से अऊज़ुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
  • सूरह फातिहा और उसके बाद सूरह इख़लास 3 बार पढ़ें।
  • रुकूअ, सज्दा और सभी अज़कार पहली जैसा ही अदा करें।
  • दूसरे सज्दे के बाद तशह्हुद के लिए बैठें।
  • अश्हदु ला पर दाहिने हाथ से शहादत उंगली को खड़ा करें।
  • फिर दुरूद-ए-इब्राहीम, और उसके बाद दुआए मासूरा पढ़ें।
  • अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए।
  • पहले दाईं तरफ और फिर बाईं तरफ सलाम फेरें।
    यहां तक आपकी दूसरी रकात मुकम्मल हो गई और नमाज़ पूरी हो गई।

नमाज़ के बाद 125 बार दुरूद शरीफ पढ़ना मुस्तहब है।


शब-ए-मे़राज में कितनी रकात पढ़नी चाहिए?

1. 12 रकात 2-2 रकात करके)

हर रकात में सूरह फातिहा + सूरह इख़लास।

2. एक 2 रकात नमाज़

  • पहली रकात: सूरह फातिहा + आयतुल कुर्सी
  • दूसरी रकात: सूरह फातिहा + सूरह ल-क़द जा’अकुम

3. दूसरी 12 रकात 2-2 करके

हर रकात में सूरह फातिहा + 5 बार सूरह इख़लास।

4. 4 रकात 2-2 करके

हर रकात में सूरह फातिहा + 7 बार सूरह इख़लास।

5. 2 रकात नफ़्ल

हर रकात में सूरह फातिहा + 3 बार सूरह काफ़िरून।

6. सलातुल तस्बीह की 4 रकात

अगर हो सके तो इसे भी अदा करें


शब-ए-मे़राज की नमाज़ की नियत

हिंदी नियत:
नियत की मैने 2 रकात नमाज़ शब-ए-मेराज की नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के रूख मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।

अरबी नियत:
नवैतु अन उसल्लीय लिल्लाहि तआला रकाति सलावतिल नफ्ली मुतवाजि़हन इल्लाजिहातिल काअबतिश सरीफती अल्लाहू अकबर।

हर 2 रकात की नियत इसी तरह करें।


FAQs

शब-ए-मे़राज में कौन सी नमाज़ पढ़ी जाती है?

शब-ए-मे़राज में नफ़्ल की नमाज़ पढ़ी जाती है।

शब-ए-मे़राज में कितनी रकात नमाज़ होती है?

कोई फिक्स रकात नहीं है, लेकिन अक्सर मुसलमान 12 या उससे ज्यादा नफ़्ल पढ़ते हैं।


✨ आखिर में

अब आपने साफ़-साफ़ समझ लिया कि शब-ए-मे़राज की नमाज़ का सही तरीका क्या है। कोशिश करें कि इस मुबारक रात को इबादत में गुजारें और ज्यादा से ज्यादा दुरूद शरीफ, इस्तिग़फार और तिलावत करें।

अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगी तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों तक ज़रूर पहुंचाएं। अल्लाह हम सबकी इबादत कबूल फरमाए, आमीन।