Witr Ki Namaz Ka Tarika | 3 रकात वित्र नमाज़ का सही तरीका

अल्हम्दुलिल्लाह! नमाज़ हमारी ज़िंदगी की सबसे बड़ी नेमत है। और उनमें से वित्र की नमाज़ एक ऐसी वाजिब इबादत है जिसे रात की नमाज़ के बाद अदा करना ज़रूरी है।

बहुत से लोग 3 रकात वित्र नमाज़ तो अदा करना चाहते हैं, लेकिन अक्सर कन्फ्यूज़ हो जाते हैं की इस ३ रकात की नमाज़ को अदा करने का सही तरीका क्या है?

अगर आप भी सोच रहे हैं कि 3 रकात वित्र की नमाज़ कैसे पढ़ी जाती है? तो इस आर्टिकल को आख़िर तक पढ़िए। यहां हमने स्टेप बाय स्टेप आसान तरीके से समझाया है ताकि कोई भी मुसलमान आसानी से वित्र की नमाज़ अदा कर सके।


✨ 3 रकात वित्र नमाज़ क्यों अहम है?

वित्र की नमाज़ वाजिब है और इसे तीनों रकात को एक साथ, एक सलाम से मुकम्मल किया जाता है। यानी इसे तोड़कर नहीं पढ़ा जा सकता।


🕌 3 Rakat Witr Ki Namaz Ka Tarika

अब आइए वित्र की नमाज़ को हर रकात के हिसाब से समझते हैं।

🔹 पहली रकात

  • सबसे पहले नियत करें:
    मैं नियत करता हूँ 3 रकात वाजिब वित्र नमाज़ की वास्ते अल्लाह तआला, मेरा रुख काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
  • सना सुब्हान क अल्लाहुम्मा… पढ़ें।
  • तअव्वुज़ अउजुबिल्लाह… पढ़ें।
  • तस्मियह बिस्मिल्लाह हिर्रहमान… पढ़ें।
  • सूरह फातिहा पढ़ें और फिर आहिस्ते से आमीन कहें।
  • कोई भी सूरह पढ़ें, बेहतर है सूरह इन्ना अंज़लना।
  • रुकूअ करें और कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अज़ीम कहें।
  • उठते हुए कहें: समिअल्लाहु लिमन हमिदह, रब्बना लक़ल हम्द।
  • फिर दो सज्दे करें, हर सज्दे में कम से कम 3 बार सुब्हान रब्बियल अला कहें।
  • अब दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

🔹 दूसरी रकात

  • पहले अउजुबिल्लाह… पढ़ें।
  • फिर बिस्मिल्लाह, उसके बाद सूरह फातिहा और आमीन कहें।
  • अब कोई भी सूरह पढ़ें, बेहतर है सूरह काफ़िरून।
  • पहली रकात की तरह रुकूअ और सज्दे अदा करें।
  • सज्दों के बाद तशह्हुद अत्तहिय्यात पढ़ें।
  • जब ‘ला’ पर पहुंचें तो दाहिने हाथ की शहादत की उंगली उठाएं।
  • ‘इल्ला’ पर नीचे कर दें।
  • इसके बाद तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं।

🔹 तीसरी रकात

  • अउजुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें।
  • फिर सूरह फातिहा और कोई भी सूरह, बेहतर है सूरह इख़लास।
  • इसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर हाथ उठा कर बांध लें और दुआए कुनूत पढ़ें।
  • अगर दुआए कुनूत याद न हो तो रब्बना आतिना पढ़ सकते हैं।
  • अब रुकूअ और सज्दे उसी तरह करें जैसे पिछली रकातों में किए थे।
  • आखिर में बैठकर अत्तहिय्यात पढ़ें, ऊँगली यहाँ भी उठाना है।
  • अब बैठकर दुरूद इब्राहीम और दुआ ए मासुरा पढ़ें
  • आखिर में दाईं ओर और बाईं ओर सलाम फेरें।
  • अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह’ कहते हुए।

यूं आपकी 3 रकात वित्र की नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।


वित्र की नमाज़ की नियत

इंडिविजुअल (अकेले) पढ़ते हुए नियत:
मैं नियत करता हूँ 3 रकात वाजिब वित्र नमाज़ की वास्ते अल्लाह तआला, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।

जमात (इमाम के पीछे) पढ़ते हुए नियत:
मैं नियत करता हूँ 3 रकात वाजिब वित्र नमाज़ की वास्ते अल्लाह तआला, इस इमाम के पीछे, मूंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।


वित्र की नमाज़ का वक़्त

वित्र की नमाज़ पढ़ने का सही वक़्त ईशा की नमाज़ के बाद से फज्र की नमाज़ से पहले तक है। इसे रात के आखिरी हिस्से में पढ़ना सबसे अफ़ज़ल है। अगर कोई तहज्जुद की नमाज़ पढ़ता है तो वित्र उसी के बाद पढ़ना बेहतर माना जाता है।


वित्र की नमाज़ सुन्नत है या वाजिब?

बहुत से लोग समझते हैं कि वित्र सिर्फ़ सुन्नत है, लेकिन असल में वित्र की नमाज़ वाजिब है। हमारे नबी ﷺ ने वित्र की नमाज़ की अहमियत बताई और इसे कभी नहीं छोड़ा। इसीलिए हर मुसलमान के लिए इसे पढ़ना ज़रूरी है।


FAQs

वित्र की नमाज़ कितनी रकात की होती है?

वित्र की नमाज़ 3 रकात की होती है और इसे एक सलाम से अदा किया जाता है।

वित्र की नमाज़ कब पढ़ी जाती है?

वित्र की नमाज़ का वक़्त ईशा की नमाज़ के बाद से लेकर फज्र की नमाज़ से पहले तक है। रात के आख़िरी हिस्से में पढ़ना अफ़ज़ल माना जाता है।

वित्र की नमाज़ सुन्नत है या वाजिब?

वित्र की नमाज़ वाजिब है। हमारे नबी ﷺ ने हमेशा वित्र की नमाज़ पढ़ी और इसे मुसलमानों के लिए ज़रूरी बताया।

वित्र की नमाज़ में कौन-सी दुआ पढ़ी जाती है?

वित्र की तीसरी रकात में रुकूअ से पहले दुआ-ए-क़ुनूत पढ़ी जाती है। अगर किसी को याद न हो तो वह “रब्बना आतिना फ़िद्दुन्या…” वाली दुआ पढ़ सकता है।

क्या वित्र की नमाज़ तहज्जुद के बाद पढ़ सकते हैं?

जी हाँ, वित्र की नमाज़ तहज्जुद के बाद पढ़ना सबसे अफ़ज़ल है। लेकिन अगर कोई उठने का भरोसा न रखता हो तो ईशा के बाद ही पढ़ लेना बेहतर है।

अगर वित्र की नमाज़ छूट जाए तो क्या करना चाहिए?

अगर वित्र की नमाज़ रह जाए तो उसे फज्र से पहले अदा किया जा सकता है। अगर फज्र का वक़्त निकल गया तो दिन में उसकी कज़ा अदा की जाएगी।

क्या वित्र की नमाज़ बिना दुआ-ए-क़ुनूत के हो सकती है?

अगर किसी को दुआ-ए-क़ुनूत याद न हो तो वह कोई और दुआ पढ़ सकता है। लेकिन कोशिश करनी चाहिए कि दुआ-ए-क़ुनूत को याद किया जाए।

वित्र की नमाज़ में कौन सी सूरत पढ़ी जाती है

वित्र की नमाज़ के पहली रकात में सूरह कद्र, दूसरी में सूरह काफिरून, और तीसरी रकात में सूरह इखलास पढना बेहतर है।


आख़िरी शब्द

मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! अब आप आसानी से 3 रकात वित्र की नमाज़ अदा कर सकते हैं। अल्लाह तआला हमें नमाज़ की पाबंदी करने की तौफ़ीक़ दे।

अगर आपको कोई सवाल या शक हो, तो कॉमेंट में पूछें। और इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि और मुसलमान भाई-बहन भी सही तरीके से वित्र की नमाज़ अदा कर सकें।