हर मुसलमान के लिए नमाज़ ईमान की बुनियाद है। इसमें वित्र की नमाज़ एक अहम मुकाम रखती है। बहुत से लोग वित्र की नमाज़ की नियत को लेकर उलझन में रहते हैं कि कैसे नियत करें? अरबी में क्या कहें? हाथ कैसे बांधें?
इस लेख में हम आपको Witr Namaz Ki Niyat हिंदी और अरबी में, आसान लफ़्ज़ों में और नियत का पूरा प्रोसेस बताएंगे, ताकि आप बिना किसी परेशानी के वित्र की नमाज़ सही तरीके से अदा कर सकें।
Witr Namaz Ki Niyat
वित्र की नमाज़ ईशा की नमाज़ के बाद अदा की जाती है और यह वाजिब है। नमाज़ की शुरुआत नियत से होती है, इसलिए सही नियत करना बहुत अहम है। अगर नियत साफ़ न हो तो नमाज़ मुकम्मल नहीं होती।
Witr Namaz Ki Niyat in Hindi
नियत की मैंने 3 रकात नमाज़ वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के, मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर।
यह नियत आपको दिल में या ज़ुबान से पढ़नी होती है। अगर ज़ुबान से ना पढ़ सकें तो दिल में नियत करना भी काफ़ी है।
Witr Namaz Ki Niyat in Arabic
نَوَيْتُ أَنْ أُصَلِّيَ لِلّٰهِ تَعَالٰى ثَلَاثَ رَكَعَاتٍ صَلَاةِ الْوِتْرِ وَاجِبَ اللّٰهِ مُتَوَجِّهًا إِلَى جِهَةِ الْكَعْبَةِ الشَّرِيفَةِ، اللّٰهُ أَكْبَرُ
Nawaitu-an usalliya lillāhi taʿālā salāsa rakaʿāti ṣalāti l-witri wājiballāhi mutawajjihan ilā jihati l-kaʿbati sh-sharīfati, Allāhu Akbar.
Witr Namaz Ki Niyat Kaise Kare
- सबसे पहले वुज़ू करें और काबा शरीफ की तरफ रूख करें।
- मस्जिद में हैं तो वहीं, वरना घर पर भी नमाज़ अदा की जा सकती है।
- ऊपर बताई गई हिंदी या अरबी नियत ज़ुबान से पढ़ें या दिल में करें।
- नियत पूरी करने के बाद अल्लाहु अकबर कहकर नमाज़ शुरू करें।
इस तरह आपकी वित्र की नमाज़ की नियत मुकम्मल हो जाएगी।
वित्र की नमाज़ में हाथ बांधने का सही तरीका
नियत के बाद अल्लाहु अकबर कहकर दोनों हाथ उठाएं।
- मर्द: कानों तक उठाकर कान की लौ छूएं।
- औरतें: कंधों तक हाथ उठाएं।
फिर हाथों को सीने पर बांध लें।
- मर्द: नाफ़ के नीचे हाथ बांधते हैं।
- औरतें: सीने पर हाथ रखती हैं।
बायां हाथ नीचे और दायां हाथ ऊपर रखें, और तीन उंगलियां कलाई पर टिकाएं।
अगर वित्र की नमाज़ जमात के साथ पढ़ी जा रही हो तो…
रमज़ान के महीने में वित्र की नमाज़ जमात के साथ अदा की जाती है। अगर आप इमाम के पीछे वित्र नमाज़ पढ़ रहे हैं तो इन बातों पर ध्यान दें:
- हिंदी नियत में “अल्लाह तआला” के बाद “पीछे इस इमाम के” जोड़ें।
- अरबी नियत में “वाजिबल्लाहे” के बाद “इक्तदैतु बिहाज़ल इमाम” कहें।
- नियत के बाद इमाम के “अल्लाहु अकबर” कहने पर हाथ बांधें।
- वित्र की जमात सिर्फ तब पढ़ें जब आपने ईशा की फर्ज नमाज़ जमात के साथ अदा की हो।
वित्र नमाज़ की नियत — कुछ ज़रूरी बातें
- वित्र नमाज़ 3 रकात में अदा की जाती है।
- इसकी नियत में “वाजिब” का ज़िक्र करना लाज़िमी है।
- नियत को दिल से करना असली मक़सद है, ज़ुबान से पढ़ना सुन्नत है।
- नियत के बाद हाथ बांधना और सही क़याम करना नमाज़ को मुकम्मल बनाता है।
आख़िरी बात
प्यारे भाइयों और बहनों! अब आपने Witr Namaz Ki Niyat को हिंदी और अरबी में सही तरीक़े से सीख लिया। इसे सिर्फ़ पढ़ना ही नहीं, बल्कि अमल में लाना भी बहुत ज़रूरी है।
अगर कोई सवाल या शंका है तो नीचे कमेंट में पूछें, इंशाअल्लाह जवाब दिया जाएगा। इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें ताकि और मुसलमान भाई-बहन भी सही नियत से नमाज़ अदा कर सकें।